Arvind Kejriwal: CM केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिकी बयान पर भारत की खरी-खरी
Arvind Kejriwal: दिल्ली आबकारी नीति मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने टिप्पणी की है, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया है.
New Delhi:
Arvind Kejriwal: दिल्ली आबकारी नीति में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर अमेरिका के बयान पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज कराई है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने ने अरविंद केजरीवाल को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग के बयान को अनुचित बताया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत एक स्वतंत्र देश है. मजबूत, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश होने पर हमको गर्व है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह हमारा आंतरिक मामला है, हमारी कानूनी प्रक्रियाओं पर कोई भी बाहरी आरोप स्वीकार्य नहीं होगा. अमेरिका को जवाब में कहा गया कि देश कानून और संविधान से चलता है.
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On Chinese MFA spokesperson's comment on Gurpatwant Singh Pannun, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says "India and the United States, as two countries adhering to the rule of law, are capable of dealing with any issues that we have between ourselves. There is no role for… pic.twitter.com/x5E3sLFZjD
— ANI (@ANI) March 28, 2024
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस के बैंक खातों को जब्त करने पर टिप्पणी को लेकर भारत द्वारा अमेरिकी राजनयिक को समन भेजने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि 'कल भारत ने अमेरिकी दूतावास के वरिष्ठ अधिकारी के समक्ष अमेरिकी विदेश विभाग की टिप्पणियों के संबंध में अपनी कड़ी आपत्ति और विरोध दर्ज कराया. विदेश विभाग की हालिया टिप्पणियाँ अनुचित हैं. हमारी चुनावी और कानूनी प्रक्रियाओं पर ऐसा कोई भी बाहरी आरोप पूरी तरह से अस्वीकार्य है. भारत में कानूनी प्रक्रियाएं कानून के शासन से ही संचालित होती हैं. जिस किसी का भी लोकाचार समान है, विशेषकर साथी लोकतंत्रों को, इस तथ्य की सराहना करने में कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि भारत को अपनी स्वतंत्र और मजबूत लोकतांत्रिक संस्थाओं पर गर्व है. हम उन्हें किसी भी प्रकार के अनुचित बाहरी प्रभाव से बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. आपसी सम्मान और समझ अंतरराष्ट्रीय संबंधों की नींव बनाती है, और राज्यों से दूसरों की संप्रभुता और आंतरिक मामलों का सम्मान करने की अपेक्षा की जाती है..."
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