जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के पीछे मूकाम्बिका देवी का है चमत्कार !
मिशन कश्मीर को अंजाम तक पहुंचाने का प्लान जम्मू कश्मीर से सैकड़ों किलोमीटर दूर कर्नाटक के एक ऐसे मंदिर में तैयार हुआ, जो देश के सबसे प्रसिद्ध शक्ति स्थल में एक है.
नई दिल्ली:
क्या पीएम मोदी के 'चंद्रिका होम' अनुष्ठान की वजह से मिशन कश्मीर का सपना पूरा हुआ ? क्या कर्नाटक के मूकाम्बिका मंदिर में बना था मोदी और शाह का कश्मीर प्लान ? क्या जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने से पहले स्पेशल पूजा करवाई गई थी? सुनकर हैरानी होगी पर मिशन कश्मीर को अंजाम तक पहुंचाने का प्लान जम्मू कश्मीर से सैकड़ों किलोमीटर दूर कर्नाटक के एक ऐसे मंदिर में तैयार हुआ, जो देश के सबसे प्रसिद्ध शक्ति स्थल में एक है. जिस वक्त संसद में गृहमंत्री अमित शाह कश्मीर से विशेष दर्जा हटाने का ऐलान कर रहे थे, उससे कुछ ही घंटे पहले इस मिशन की कामयाबी के लिए सबसे बड़ी शक्ति साधना संपन्न हो चुकी थी.
मोदी सरकार ने मूकाम्बिका मंदिर में रखवाई थी स्पेशल पूजा
दरअसल, जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के प्रावधान हटाने से ठीक पहले मोदी सरकार के आदेश पर मूकाम्बिका मंदिर में एक स्पेशल पूजा करवाई गई थी. ये पूजा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कहने पर कराई गई थी.
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मूकाम्बिका मंदिर के पुजारियों के मुताबिक कश्मीर पर फैसले के ऐलान से पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से फोन कॉल आई थी. उसमें मंदिर प्रशासन को एक स्पेशल पूजा करवाने को कहा गया था. उसके बाद आर्टिकल 370 हटाने से कुछ घंटों पहले ये पूजा करवाई गई. मूकाम्बिका मंदिर में करवाई गई इस पूजा का नाम चंद्रिका होम था.
मूकाम्बिका मंदिर के पुजारियों की मानें तो पूजा संपन्न होने तक उन्हें ये मालूम नहीं था कि केंद्र सरकार किस मकसद से ये पूजा करवा रही है. लेकिन जब जम्मू कश्मीर पर सरकार के फैसले का ऐलान हुआ तब उन्हें पता चला कि पूजा का उद्देश्य क्या था.
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केंद्र सरकार ने कहा था कि पूजा देश और देशवासियों के लिए होनी चाहिए
मूकाम्बिका मंदिर के पुजारी के एन सुब्रह्मण्यम अडिगा के मुताबिक, 'वित्त मंत्री के अधिकारियों ने कहा था कि पूजा देश और देशवासियों के लिए होनी चाहिए. केंद्र सरकार की ओर से इस तरह के निवेदन का ये पहला मौका था. सरकार के आग्रह के बाद हमने चंद्रिका होम किया था जो ढाई घंटे में संपन्न हुई थी.
दोपहर में कराई जाती है पूजा
आम तौर पर ये पूजा दोपहर के समय ही करवाई जाती है. तभी इसका असर होता है, और वही हुआ. इधर पूजा संपन्न हुई और उधर जम्मू कश्मीर पर ऐतिहासिक फैसले का ऐलान हो गया. पूजा संपन्न होने के बाद 7 अगस्त को मंदिर के वरिष्ठ पुजारी प्रसाद लेकर दिल्ली पहुंचे. पुजारियों ने निर्मला सीतारमण और अमित शाह को प्रसाद दिया. 8 अगस्त को पुजारियों ने पीएम मोदी से मिलकर उन्हें प्रसाद दिया. प्रधानमंत्री के साथ पुजारियों के दल ने 15 मिनट तक मुलाकात की.
पुजारियों ने दिल्ली आकर दिया पीएम मोदी को प्रसाद
मूकाम्बिका मंदिर के पुजारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने चंद्रिका होम के सफल आयोजन पर खुशी जताते हुए उनसे देश के लिए प्रार्थना करने को कहा. इस दौरान पुजारियों ने पीएम मोदी को मूकाम्बिका मंदिर आने का निवेदन किया जिस पर मोदी ने कहा कि अगर देवी बुलाएंगी तो वो जरूर जाएंगे.
आदिशक्ति खुद प्रकट होकर किया था असुर का संहार
दरअसल मूकाम्बिका मंदिर का धार्मिक इतिहास एक ऐसे असुर के आतंक और उसके खात्मे से जुड़ा है जो देवलोक से लेकर पृथ्वी लोक तक के लिए सबसे बड़ा खतरा बन गया था. ऐसी मान्यता है कि मूकासुर नाम के इस असुर के अत्याचार से जब तीनों लोकों में त्राहिमाम मच गया तो आदिशक्ति ने खुद प्रकट होकर इस दुष्ट का संहार कर डाला. इसके लिए मां पार्वती, लक्ष्मी माता और देवी सरस्वती तमाम देवी देवताओं के आशीर्वाद से दुर्गा रूप में प्रकट हुईं और तब कहीं जाकर मूकासुर का वध हुआ.
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