Lakhimpur Kheri Incident: टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध, वकील ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई अर्जी
आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वकील ने आशीष मिश्रा को मिली जमानत का विरोध किया है. उनपर आरोप है कि उन्होंने लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी थी.
highlights
- आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध
- लखीमपुर खीरी हत्याकांड में मुख्य आरोपी हैं आशीष मिश्रा
- 129 दिनों तक जेल में बंद रहने के बाद मिली है रिहाई
नई दिल्ली:
लखीमपुर खीरी में किसानों पर गाड़ी चढ़ाने के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वकील ने आशीष मिश्रा को मिली जमानत का विरोध किया है. उनपर आरोप है कि उन्होंने लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर अपनी गाड़ी चढ़ा दी थी. इस दौरान उन्होंने फायरिंग भी की थी. इस मामले में 4 किसानों की मौत हो गई थी, जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी.
लखीमपुर हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के लिए चिट्ठी लिखने वाले वकील शिवकुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने याचिका दायर की। याचिका में आरोप लगाया गया है कि आशीष मिश्रा के रिहा होने से पीड़ित परिवारों में भय का माहौल है. याचिका में मांग की गई है कि हादसे में हताहत लोगों के परिजनों को राज्य और केंद्र तुरंत आर्थिक मदद पहुंचाएं. याचिका में हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में एसआईटी से जांच की रिपोर्ट जल्द से जल्द हाई कोर्ट में दाखिल करने की भी मांग की गई है.
ये भी पढ़ें: Lakhimpur Case: खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा 129 दिन बाद जेल से रिहा
एसआईटी ने बनाया है मुख्य आरोपी
बता दें कि आशीष मिश्रा गिरफ्तारी के बाद से जेल में थे, लेकिन जमानत मिलने के बाद हाल ही में जेल से रिहा हुए हैं. उन्हें 129 दिन बाद जेल से रिहाई मिली थी। पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर के दिन गिरफ्तार किया गया था. लखीमपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने 3 जनवरी को 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें SIT ने आशीष मिश्रा को 'मुख्य आरोपी' बनाया था. दिसंबर में एसआईटी ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची समझी साजिश के तहत 4 किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी.
ये था पूरा मामला
3 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हिंसा हुई. इसमें किसानों को रौंद दिया गया. इस हिंसा में 4 किसानों के अलावा तीन बीजेपी कार्यकर्ता और एक पत्रकार की मौत हो गई. दूसरे दिन यानि 4 अक्टूबर 2021 को बहराइच जिले के किसान जगजीत सिंह ने आशीष मिश्रा समेत 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई. इसके जवाब में 6 अक्टूबर को से बीजेपी पार्षद सुमित जायसवाल ने भी FIR दर्ज करवाई. 5 अक्टूबर 2021 को लखीमपुर हिंसा की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया. 9 अक्टूबर 2021 को सुबह आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया. करीब 12 घंटे चली पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
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