कौन थे जैन मुनी तरुण सागर, पढ़ें उनकी 10 कठोर बातें
अपनी किताब में और प्रवचन में बहुत ही कड़वी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। कुछ ऐसे ही प्रवचन की लाइनें आपको हम बता रहे हैं जिसके कारण ये अक्सर विवादों में घिरे रहे।
नई दिल्ली:
कड़वे और विवादित प्रवचन के लिए जाने जाने वाले जैन मुनि तरुण सागर का निधन हो गया है। इनका निधन शनिवार तड़के सुबह करीब तीन बजे हुआ। पिछले दो दिनों से हॉस्पिटल में भर्ती थे। तबियत खराब होने के कारण डॉक्टरों ने इन्हें अपनी कस्टडी में रखा था। इनका असली नाम पवन कुमार जैन था। इन्होंने एक किताब लिखी जिसके बाद लोगों ने क्रांतिकारी संत कहा।
अपनी किताब में और प्रवचन में बहुत ही कड़वी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। कुछ ऐसे ही प्रवचन की लाइनें आपको हम बता रहे हैं जिसके कारण ये अक्सर विवादों में घिरे रहे।
तुम्हारी वजह से कोई इ्ंसान दुखी रहे
अगर तुम्हारे कारण कोई इ्ंसान दुखी रहे तो समझ लो ये तुम्हारे लिए सबसे बड़ा पाप है, ऐसे काम करो कि लोग तुम्हारे जाने के बाद दुखी होकर आसूं बहाएं तभी पुण्य की प्राप्ति होगी।
गुलाब कांटों में भी हंसता है
गुलाब से लोग क्यों प्रेम करते हैं? क्योंकि गुलाब कांटों के बीच में भी हंसता है। लोगों से आह्वान करते हुए वह कहते हैं कि तुम भी ऐसे काम करो कि तुमसे नफरत करने वाले लोग भी तुमसे प्रेम करने पर विवश हो जायें।
हंसते मनुष्य हैं कुत्ते नहीं
हंसने को लेकर भी उनका कथन विवादित बन गया। क्योंकि उन्होने कहा था कि हंसने का यह गुण केवल मानुष्यों को मिला है इसलिए जब भी मौका मिले मुस्कुराइये, कुत्ता चाहकर भी मुस्कुरा नहीं सकता।
प्रेम से जीतो
इंसानों को आप दिल से जीतो तभी आप सफल हैं। तलवार के बल पर जीत तो हासिल किया जा सकता है लेकिन प्यार नहीं।
जो सहता है वो ही रहता है
अपने अंदर इंसान को सहनशक्ति पैदा करनी चाहिए क्योंकि जो सहता है वो ही रहता है, जो नहीं सहता वो टूट जाता है।
किसी को बदल नहीं सकते
परिवार में आप किसी को बदल नहीं सकते हैं लेकिन आप अपने आप को बदल सकते हैं, खुद पर आपका पूरा अधिकार है।
जीवन का सार
पूरी दुनिया को आप चमड़े से ढ़क नहीं सकते हैं लेकिन आप अगर चमड़े के जूते पहनकर चलेंगे तो दुनिया आपके जूतों से ढ़क जायेगी, यही जीवन का सार है।
कन्या भ्रूण हत्या
तरुण सागर ने कहा, जिनकी बेटी ना हो उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं मिलना चाहिए और जिस घर में बेटी ना हो वहां शादी करनी ही नहीं चाहिए और जिस घर में बेटी ना हो उस घर से साधु-संत भिक्षा ना लें।
राजनीति और धर्म पति-पत्नी
तरुण सागर ने कहा था कि राजनीति को हम धर्म से ही कंट्रोल कर सकते हैं। धर्म पति है, राजनीति पत्नी। हर पति की ये ड्यूटी होती है कि वो अपनी पत्नी को सुरक्षा दे, हर पत्नी का धर्म होता है कि वो पति के अनुशासन को स्वीकार करे, ऐसा ही राजनीति और धर्म के भी साथ होना चाहिए क्योंकि बिना अंकुश के हर कोई खुले हाथी की तरह हो जाता है।
इस बयान के बाद तरुण मुनी के खिलाफ कुछ लोगों ने विरधो भी किया था। हालांकि फिर भी वह अपने बयान पर अड़े रहे थे।
भगवाकरण नहीं है बल्कि शुद्धिकरण
तरुण सागर ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर भगवाकरण के आरोप का बचाव करते हुए कहा था कि उन्होंने शुद्दिकरण किया है। इससे पहले उन पर आरोप लगा था कि खट्टर ने राजनीति का भगवाकरण कर दिया है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
धर्म-कर्म
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी
-
Ganga Saptami 2024 Date: कब मनाई जाएगी गंगा सप्तमी? जानें शुभ मूहूर्त, महत्व और मंत्र
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव