logo-image

भूटान सीमा पर पुलिस और गोरखालैंड समर्थकों के बीच झड़प

पश्चिम बंगाल में अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर करीब 45 दिनो से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों और पुलिस प्रशासन के बीच एक बार फिर हिंसक झड़प हुई है।

Updated on: 30 Jul 2017, 06:11 PM

highlights

  • प. बंगाल के अलीपुरद्वार में GJM कार्यकर्ताओं-पुलिस के बीच हिंसक झड़प
  • झड़प में कई पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल, 45 दिनों से चल रहा है आंदोलन

नई दिल्ली:

पश्चिम बंगाल में अलग गोरखालैंड की मांग को लेकर करीब 45 दिनो से प्रदर्शन कर रहे आंदोलनकारियों और पुलिस प्रशासन के बीच एक बार फिर हिंसक झड़प हुई है। पुलिस और जीजेएम कार्यकर्ताओं के बीच ये झड़प भूटान सीमा पर हुई। इससे पहले अलीपुरद्वार के जयगांव में हुई हिंसक झड़प में कई पुलिस वाले गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।

पुलिस ने हिंसा को रोकने और आंदोलनकारियों को नियंत्रित करने के लिए रबड़ की गोलियां और आंसू गैस का इस्तेमाल भी किया। 23 जुलाई को पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा था कि जीजेएम अब हथियार बंद विद्रोह की तैयारी कर रह है और इसके लिए माओवादियों के कैडरों को अपने संगठन में भर्ती किया है।

यहां देखिए वीडियो

बंगाल के एडीजे (लॉ एंड ऑर्डर) अनुज शर्मा ने कहा था, 'हमारे पास खुफिया एजेंसियों से मिला इनपुट है। गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने पड़ोसी देशों से माओवादियों के कैडरों को भर्ती किया है जो सरकारी संपत्तियों और पुलिस के बड़े अधिकारियों को निशाना बना सकते हैं। साथ ही माओवादी आंदोलन को हिंसक बनाने की तैयारी में हैं।'

ये भी पढ़ें: गोरखालैंड आंदोलन के बीच GJM चीफ बिमल गुरुंग के खिलाफ CBI ने मांगा गिरफ्तारी वारंट

24 जुलाई को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के प्रमुख बिमल गुरुंग समेत 21 अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट की मांग की थी। मदन तमांग हत्याकांड मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद नहीं होने के बाद सीबीआई ने इन सभी के खिलाफ अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी किए जाने की मांग की थी। मदन तमांग की हत्या 2010 में हुई थी।

ये भी पढ़ें: बंगाल पुलिस का दावा माओवादियों की मदद से हथियारबंद विद्रोह की तैयारी में GJM, पड़ोसी देशों से ली जा रही मदद