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वैंकेया नायडू बोले- भारत के DNA में है धर्मनिरपेक्षता

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता, संविधान में शामिल होने के पहले ही भारत की प्रत्येक नागरिक के डीएनए में है।

Updated on: 26 Dec 2017, 11:37 PM

नई दिल्ली:

पारसी समुदाय के राष्ट्र निर्माण और देश की अर्थव्यवस्था में योगदान की तारीफ करते हुए उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता, संविधान में शामिल होने के पहले ही भारत की प्रत्येक नागरिक के डीएनए में है।

नायडु गुजरात के वलसाड ज़िलमें में पारसी समुदाय के लोगों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा, 'सर्व धर्म सम भव (सभी समुदाय के लोगों की समानता) भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकाचार का प्रतीक है। भारत धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता वाला देश है। धर्मनिरपेक्षता संविधान में शामिल होने से पहले ही भारत के प्रत्येक नागरिक के डीएनए में है।'

नायडु ने कहा, 'सभी धर्मों के लिए सहिष्णुता और सम्मान के मूल्य अति प्राचीन काल से भारतीय लोकाचार का हिस्सा रहे हैं। जब तक सामाजिक सामंजस्य, सांप्रदायिक सद्भाव और धार्मिक सहिष्णुता नहीं होती, तब तक देश की प्रगति और विकास नहीं होगा।'

उन्होंने दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था में पारसी समुदाय का योगदान महत्वपूर्ण है, यही वजह है कि भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया में अब तीसरे स्थान पर है। उन्होंने राष्ट्र निर्माण और विविध क्षेत्रों में 'अमूल्य योगदान' बनाने के लिए समुदाय की प्रशंसा भी की।

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वैंकेया नायडु का यह बयान ऐसे वक्त सामने आया है जब बीजेपी सरकार में मंत्री अनंत हेगड़े के एक विवादित बयान के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौर जारी है।

केंद्रीय कौशल विकास मंत्रालय और एंत्रप्रन्योरशिप के मंत्री अनंत हेगड़े ने रविवार को कहा था कि 'जो लोग खुद को सेक्युलर कहते हैं वो अपने प्रतिशत के बारे में अनजान है।'

उन्होंने कहा था कि उन्हें खुशी होती है जब लोग अपने धर्म और जाति को गर्व से बताते हैं। मंत्री ने कहा था, 'मुझे खुशी होती है क्योंकि जो व्यक्ति अपने खून के बारे में जानता है, लेकिन मुझे नहीं पता कि उन्हें क्या कहा जाए तो खुद को सेक्युलर (धर्मनिरपेक्ष) बताते हैं।'

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हेगड़े ने कहा था, 'जो अपने माता-पिता के खून के बारे में जाने बिना खुद को सेक्युलर बताते हैं, उनकी खुद की पहचान नहीं है। उन्हें अपने प्रतिशत के बारे में नहीं पता लेकिन वो बौद्धिक है।'

उन्होंने यह भी कहा कि वो संविधान का इज्जत करते हैं लेकिन 'यह आने वाले दिनों में बदल जाएगा।' कर्नाटक से पांच बार लोक सभा सांसद ने सत्तारुढ़ कांग्रेस पार्टी को चुनौती देते हुए कहा, 'हम यहां उसके लिए हैं और इसीलिए आए हैं।'

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