सोहराबुद्दीन 'मुठभेड़' मामले पर 21 दिसंबर को आएगा फैसला
केद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत राजनीतिक रूप से संवेदनशील सोहराबुद्दीन अनवर शेख और तुलसीराम प्रजापति दोहरे मुठभेड़ मामले में और गुजरात के कौसर बी दुष्कर्म और हत्या मामले में फैसला 21 दिसंबर को सुनाएगी
नई दिल्ली:
केद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत राजनीतिक रूप से संवेदनशील सोहराबुद्दीन अनवर शेख और तुलसीराम प्रजापति दोहरे मुठभेड़ मामले में और गुजरात के कौसर बी दुष्कर्म और हत्या मामले में फैसला 21 दिसंबर को सुनाएगी. मामले में अंतिम बहस तीन दिसंबर को शुरू हुई थी, जो सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.जे. शर्मा के समक्ष पांच दिसंबर को समाप्त हुई. वर्ष 2005-06 के दौरान कथित गैंगस्टर सोहराबुद्दीन और प्रजापति को 'फर्जी मुठभेड़' में मारे जाने और सोहराबुद्दीन की पत्नी कौसर बी की गुमशुदगी ने देश में बड़े पैमाने पर राजनीतिक भूचाल ला दिया था.
अभियोजन पक्ष की दलील थी कि सोहराबुद्दीन का संबंध आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से था और वह कथित रूप से एक महत्वपूर्ण नेता (संभवत: तत्कालीन मुख्यमंत्री और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) की हत्या की साजिश रच रहा था.
मामले में कुल 37 लोगों को आरोपी बनाया गया था. वर्ष 2014 में 16 लोगों को बरी कर दिया गया था.
बरी किए गए लोगों में गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री और अब भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री जी.सी. कटारिया, गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक डी.जी. बंजारा, आईपीएस अधिकारी एन.के. अमीन और 12 अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे.
सर्वोच्च न्यायालय के सितंबर 2012 के एक आदेश के तहत मामले को गुजरात से मुंबई स्थानांतरित कर दिया गया था.
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