logo-image

राफेल विवाद पर बरसे गोयल, एक झूठ सौ बार बोलने से सच नहीं हो जाता

राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि राहुल गांधी ने फेक न्यूज के जरिए देश भर में झूठ फैलाने की प्रयास किया है .

Updated on: 12 Oct 2018, 05:25 PM

नई दिल्ली:

राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि राहुल गांधी ने फेक न्यूज के जरिए देश भर में झूठ फैलाने की प्रयास किया है . उन्‍होंने दावा करते हुए कहा कि एनडीए ने यूपीए से बेहतर सौदा किया है. दसॉल्‍ट कंपनी ने भी यह बात कही है कि ऑफसेट को लागू करने के लिए उन्होंने अपनी इच्छा से पार्टनर को चुना था. पीयूष गोयल ने कहा कि यह जेंटलमैन (राहुल गांधी) फेकन्‍यूज फैला रहे हैं, लेकिन उन्‍हें पता होना चाहिए कि एक झूठ को सौ बार बोल देने से वह सच नहीं हो जाएगा. उन्‍होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कीमत का खुलासा नहीं किया जा सकता है. जो निर्णय लेने की प्रक्रिया के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने जानकारी मांगी है, वह कोर्ट में रखी जाएगी.

राफेल डील: राहुल गांधी ने पीएम मोदी को बताया 'भ्रष्ट', मांगा इस्तीफा

राफेल डील: दसॉल्ट की सफाई- स्वतंत्र रूप से किया रिलायंस का चुनाव

उन्‍होंने कहा कि हमें तेज डिलीवरी, मरम्मत का लंबा समय और स्पेयर पार्ट्स की बेहतर उपलब्धता हासिल हुई है. पीयूष गोयल ने कहा कि ऑफसेट पर अंतिम प्रतिक्रिया 2019 के अंत तक उपलब्ध होगी. कांग्रेस और राहुल गांधी को देश को अभी कई सवालों के जवाब देने हैं. पीयूष गोयल ने आगे कहा कि उन्होंने अब तक न तो अरुण जेटली, न रविशंकर प्रसाद और न ही निर्मला सीतारमण के आरोपों का जवाब दिया है. कांग्रेस एक मुद्दीविहीन पार्टी है. हमें दसॉल्ट एविएशन के सीईओ के बयान से और भी अधिक स्पष्टता मिली, जिन्होंने पुष्टि की है कि ऑफ़सेट को लागू करना जरूरी था. इसलिए उन्होंने खुद ऑफसेट्स को लागू करने के लिए साझेदारों को चुना. उन्होंने आगे कहा कि यह समय आ गया है कि कांग्रेस को समझ जाना चाहिए कि यह सरकार पारदर्शिता और संभावना के उच्चतम मानकों की सरकार है. जिसने भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में बहुत आवश्यक कदम उठाए हैं. रेलमंत्री ने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी ने फ्रांस की मीडिया रिपोर्ट को तोड़मरोड़ कर पेश किया. कांग्रेस संभवतः 2012 के अपने स्वयं के अपराधों को छिपाने की कोशिश कर रही है, जहां पहले परिवार के सहयोगियों के दबाव में, उन्होंने इस तरह के एक महत्वपूर्ण लेनदेन को रद्द कर दिया और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया.

राफेल डील: राहुल गांधी के आरोपों पर BJP का पलटवार, कहा-सबूत है तो कोर्ट क्यों नहीं जाते

राफेल डील: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगी प्रक्रिया की रिपोर्ट, नोटिस जारी करने से इनकार