कालेधन पर लगाम के लिए भारत की मदद करेगा स्विटजरलैंड, पीएम मोदी को मिला भरोसा
स्विटजरलैंड की राष्ट्रपति डोरिस ल्यूथर्ड के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत काले धन के खिलाफ लड़ाई में स्विटजरलैंड के साथ मिलकर काम करता रहेगा।
highlights
- पीएम मोदी ने कहा, भारत काले धन पर स्विटजरलैंड के साथ मिलकर काम करेगा
- मोदी ने कहा कि यूरोपीय संघ और भारत के बीच मुख्य व्यापार समझौता को लेकर बातचीत जारी है
नई दिल्ली:
स्विटजरलैंड की राष्ट्रपति डोरिस ल्यूथर्ड के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि भारत काले धन के खिलाफ लड़ाई में स्विटजरलैंड के साथ मिलकर काम करता रहेगा।
मोदी ने ल्यूथर्ड के साथ मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित करते हुए कहा, 'आज की दुनिया में वित्तीय लेनदेन में पारदर्शिता एक चिंता का विषय है, चाहे यह काले धन के रूप में हो, गंदे धन के रूप में, हवाला या हथियार और ड्रग का वित्तपोषण करना हो।'
उन्होंने कहा, 'इस वैश्विक समस्या से लड़ने के लिए हम स्विटजरलैंड के साथ सहयोग करते रहेंगे।' मोदी ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश भारत और स्विटजरलैंड के बीच आर्थिक सहयोग का एक महत्वपूर्ण आधार है।
उन्होंने कहा, 'हम खासतौर से स्विस निवेशकों का भारत में स्वागत करते हैं। इस संबंध में हम द्विपक्षीय समझौतों पर चर्चा जारी रखने पर सहमत हुए हैं।' मोदी ने कहा कि यूरोपीय संघ और भारत के बीच मुख्य व्यापार समझौता को लेकर बातचीत जारी है।
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ल्यूथर्ड ने कहा कि स्विटजरलैंड में धन शोधन के खिलाफ सबसे कड़े कानूनों में से एक है और उम्मीद है कि अन्य देश भी ऐसा ही करेंगे।
भारत की चार दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचीं लिउथर्ड का इससे पहले राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद लिउथर्ड ने राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की।
लिउथर्ड ने स्वागत समारोह के बाद कहा, 'मुझे उम्मीद है कि इस यात्रा से भारत-स्विट्जरलैंड के संबंध मजबूत होंगे। व्यापार को लेकर लंबित पड़ी परियोजनाएं पूरी होंगी। हम नया निवेश सुरक्षा समझौता करने की कोशिश करेंगे।'
स्विट्जरलैंड, भारत का सातवां सबसे बड़ा कारोबारी साझीदार देश है। मर्चेडाइज एक्सपोर्ट्स, बुलियन व आईटी सेवाओं तथा सॉफ्टवेयर निर्यात सहित दोनों देशों का कुल व्यापार 2016-17 में 18.2 अरब डॉलर का रहा।
स्विट्जरलैंड ने अप्रैल 2000 से सितंबर 2016 के बीच भारत में लगभग 3.57 अरब डॉलर का निवेश किया। इस तरह यह यहां 11वां सबसे बड़ा निवेशक देश बन गया।
2013-14 और 2015-16 के बीच लगभग 100 भारतीय कंपनियों ने स्विट्जरलैंड में लगभग 1.42 अरब डॉलर का निवेश किया। टीसीएस, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा सहित प्रमुख भारतीय आईटी कंपनियों के स्विट्जरलैंड में कार्यालय हैं।
मोदी ने जून 2016 में स्विट्जरलैंड का दौरा किया था और यह कई दशकों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का यह पहला स्विट्जरलैंड दौरा था। स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपतियों ने इससे पहले 1998, 2003 और 2007 में भारत का दौरा किया था।
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