डोकलाम के पास चीन की बढ़ती गतिविधियों पर संसदीय समिति ने जताई चिंता, कहा- सरकार रहे सतर्क
भारत चीन सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे के दौरान समिति को सीमा के दोनों ओर विकसित की गई अवसंरचना की तस्वीरें दिखाई गई और इसमें बड़ी खामियां स्पष्ट रूप से दिखाई दी.
नई दिल्ली:
भारत चीन सीमा पर सीमा सड़क अवसंरचना अपर्याप्त होने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए संसद की एक समिति ने कहा है कि चीन से लगी सीमा सहित सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर सड़क आधारभूत ढांचा एवं परिवहन सुविधा तैयार की जाए. लोकसभा में सोमवार को पेश डोकलाम, सीमा स्थिति और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से सहयोग विषय पर विदेश मामलों से संबंधित संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल ही में डोकलाम संकट की स्थिति के संबंध में समिति की यह दृढ़ राय है कि सरकार सीमा सड़कों को दी जाने वाली प्राथमिकता के स्तर को बढ़ाए.
भारत चीन सीमावर्ती क्षेत्रों के दौरे के दौरान समिति को सीमा के दोनों ओर विकसित की गई अवसंरचना की तस्वीरें दिखाई गई और इसमें बड़ी खामियां स्पष्ट रूप से दिखाई दी. इसमें कहा गया कि समिति यह जानकर क्षुब्ध है कि भारत चीन सीमा पर सीमा सड़क अपर्याप्त है.
वास्तव में अनेक महत्वपूर्ण भागों में हम एकल पहुंच मार्ग पर निर्भर हैं जो संघर्ष की स्थिति में एक जोखिम है जिससे निपटना मुश्किल है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बदतर स्थिति यह है कि सैन्य यातायात को सह सकने वाली सड़के भी नहीं बनाई गई हैं. 1962 की लड़ाई में चीन ने इस विशेष स्थिति का फायदा उठाया था और ऐसे में हमें इस मुद्दे पर विगत से सबक सीखना चाहिए.
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समिति महसूस करती है कि भारत को इस संबंध में काफी कुछ करने की जरूरत है. समिति चाहती है कि सीमा पर भारत की सशक्त उपस्थिति, पर्यावास एवं परिवहन के लिये बेहतर अवसंरचना सृजित की जाए ताकि हमारे सशस्त्र बलों को आवास, आवागमन और भंडारण तथा आपात स्थिति में हथियार एवं गोला बारूद की ढुलाई में कोई कठिनाई न हो.
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