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यूपीः 7 महीने की भांजी के शव ले जाने के लिए मामा को नहीं मिली गाड़ी

कौशाम्बी में एक मामा अपनी 7 माह की भांजी का शव को साइकिल से कंधे पर रख कर 10 किलोमीटर ले जाना पड़ा।

Updated on: 14 Jun 2017, 12:54 PM

नई दिल्ली:

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के गृह जिले कौशाम्बी में एक मामा अपनी 7 माह की भांजी का शव को साइकिल से कंधे पर रख कर 10 किलोमीटर ले जाना पड़ा।

बता दें कि उल्टी और दस्त की शिकायत के कारण उसे जिला अस्पताल में इलाज के लिए 2 दिन पहले भर्ती कराया था। बच्ची के पिता ने रुपयों के इंतजाम के लिए इलाहाबाद चला गया। पिता ने बेटी को अपने साले बृजमोहन की देखरेख में अस्पताल में छोड़ दिया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

शव को बृजमोहन ने 10 किलोमीटर दूर गांव मलाक सद्दी ले जाने के लिए जिला अस्पताल के डाक्टरों से एम्बुलेंस या शव वाहन के लिए कई बार कहा। बृजमोहन के मुताबिक अस्पताल प्रशासन ने इसका कोई इंतजाम नहीं किया।

जब शव को ले जाने के लिए सरकारी वाहन नहीं मिला तो बृजमोहन को मजबूरन पास के साईकिल दुकानदार से साईकिल किराए पर लेकर घर के लिए निकलना पड़ा। पूरे रास्ते वह अपनी भांजी की लाश कंधे पर लिए साईकिल से घर पहुंचा।

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ऐसा नहीं कि कौशाम्बी के अस्पताल में इस तरह की पहली घटना हो। इससे पहले भी 20 मई को जिला अस्पताल के डाक्टरों ने अवैध वसूली के चक्कर में एक अहमदीपुर गांव के रहने वाले महेश को भी अपनी गर्भवती पत्नी मालती की लाश को सड़क पर पैदल लेकर चलना पड़ा था।

उस समय घटना की जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन के अधिकारियों ने महेश को शव वाहन मुहैया कराया था। जिसके बाद वह शव को अपने गांव ले गया था।

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