जमशेदपुर में 6 लोगों की हत्या के बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प, मुस्लिमों ने लगााया आरोपियों को बचाने का आरोप
झारखंड के औद्योगिक शहर जमशेदपुर में बच्चा चोरी के आरोप में 6 लोगों की हत्या के बाद वहां माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है
highlights
- जमशेदपुर में 6 लोगों की हत्या के बाद बढ़ा तनाव
- मुस्लिम समुदाय ने किया प्रदर्शन, पुलिस पर आरोपियों को बचाने का आरोप
नई दिल्ली:
झारखंड के औद्योगिक शहर जमशेदपुर में बच्चा चोरी के आरोप में 6 लोगों की हत्या के बाद वहां माहौल बेहद तनावपूर्ण हो गया है। दो दिन पहले बच्चा चोरी के आरोप में दो अलग-अलग जगहों पर भीड़ ने पीट-पीटकर कर 6 लोगों की हत्या कर दी थी। मरने वालों में चार आरोपी मुस्लिम थे।
हत्या के विरोध में मुस्लिम समुदाय के प्रदर्शनकारी शनिवार को जमशेदपुर में विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे और दुकाने बंद करवा रहे थे। इसी दौरान पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए इनपर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे जिससे वहां तनाव और बढ़ गया।
दो दिन पहले बच्चा चोरी करने के आरोप में भीड़ ने बागबेड़ा और शोभापुर में 3-3 लोगों को पीट-पीटकर मार डाला था। उस दौरान जब वहां पुलिस पहुंची थी तो गुस्साए भीड़ ने उनपर भी पत्थरबाजी की थी और दो पुलिस वाहन में आग लगा दी थी।
मुस्लिम प्रदर्शनकारियों के नेता जबीउल्लाह ने प्रसाशन पर हत्या के आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया। जबीउल्लाह के मुताबिक, 'पुलिस को घटना के दौरान कई बार फोन किया गया लेकिन वहां किसी ने फोन नहीं उठाया, वरिष्ठ अधिकारियों को भी फोन किया गया लेकिन पुलिस घटना स्थल पर नहीं पहुंची।'
जबीउल्लाह ने कहा, 'अभी तक इस मामले में पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है। जबकि पुलिस को हमने उस घटना का वीडियो और फोटो भी दिया है जिसमें आरोपियों ने हत्या की थी।'
जबीउल्लाह ने कहा, 'हमें समझ में नहीं आ रहा है कि पुलिस उन्हें गिरफ्तारी क्यों नहीं कर रही है। जबीउल्लाह ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, 'अगर इस घटना में आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो ये घटना समाज को बांट देगी।' बच्चा चोरी के आरोप में मारे गए चार आरोपी मुस्लिम थे जबिक जिनपर ये हत्या करने का आरोप लगा है वो सभी आदिवासी हैं।
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मुस्लिम समुदाय के लोगों ने राज्य सरकार के 2 लाख रुपये के मुआवजे के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया है। उनकी मांग है कि पीड़ित परिवार के लोगों 25 लाख रुपये कैश, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी, और केंद्र सरकार के आवास योजना के तहत उन्हें घर मिले।
हालांकि हल्दीपोखर जहां ये घटना हुई थी वहां अभी तक किसी पार्टी के नेता नहीं गए हैं और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने स्थानीय प्रशासन के माध्यम से अपनी मांगे राज्य सरकार को बताई है।
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