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स्वतंत्रता दिवस के 72 वें साल में गरीबों को मिलेगी बीमारी के खर्चे से आजादी !

इस योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दमन-दीव समेत 11 राज्यों में की जाएगी।

Updated on: 14 Aug 2018, 08:41 PM

नई दिल्ली:

पीएम मोदी की अतिमहत्वकांक्षी परियोजना मोदी केयर को 72वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश के 11 राज्यों में लागू किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रस्तावित बीमा योजना 'आयुष्मान भारत' को कल से 11 राज्यों के करीब 100 जिलों में लागू किया जाएगा। पीएम मोदी खुद इसका एलान लाल किले से देश के नाम अपने संबोधन के दौरान करेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत इस योजना से करीब 10 करोड़ ग़रीब परिवारों को 5 लाख रुपये सालाना स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा।

इस योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दमन-दीव समेत 11 राज्यों में की जाएगी। वहीं दिल्ली, पंजाब, ओडिशा, तमिलनाडु, तेलंगाना, केरल, कर्नाटक और महाराष्ट्र की सरकार ने अब तक केंद्र के साथ इस योजना को लागू करने को लेकर कोई करार नहीं किया है।

इस योजना के तहत सरकार राज्यों में स्वास्थ्य मित्र रखेगी जो स्कीम के तहत लोगों का बीमा करवाने के साथ लोगों को इलाज की सुविधा भी दिलाएंगे। स्‍वास्‍थ्‍य मित्र को सैलरी के साथ इंसेंटिव भी मिलेगा।

गौरतलब है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में अपने बजट भाषण के दौरान कहा था कि हम दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना को शुरू करने जा रहे हैं। इस योजना के तहत अब देश के 50 करोड़ लोगों को इलाज के लिए 5 लाख रुपये तक कैशलेस सुविधा दी जाएगी।

आखिर क्या है मोदीकेयर?
यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन के तहत तैयार की गई योजना है जिसे 'आयुष्मान भारत' का नाम दिया गया है। इस नेशनल हेल्थ स्कीम के साथ करीब 10.7 करोड़ परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना में हर परिवार को 5 लाख का स्वास्थ्य बीमा दिया जाएगा। योजना में परिवार के सदस्यों की संख्या पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।

इस योजना के लिए परिवारों का चयन आर्थिक आधार पर किया जाएगा। इसमें सरकारी अस्पतालों समेत कुछ चुने हुए निजी अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा मिलेगी। आयुष्मान भारत की योजना पूरी तरह से कैशलेस होगी। इतना ही नहीं बीमा कवर के लिए उम्र की कोई बाध्यता नहीं है।

इस योजना के तहत करीब 1.5 लाख स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे। इसमें निजी क्षेत्र की कंपनियां भी शामिल हो सकेंगी। इस योजना में शामिल परिवारों को केंद्र, राज्य सरकार प्रीमियम का भुगतान करेंगी। इसमें केंद्र सरकार खर्च का करीब 60% हिस्सा और राज्य सरकार 40% हिस्सा वहन करेगी।

योग्यता के पैमाने
इस योजना में योग्य होने के लिए परिवार के पास एक कमरे का कच्चा घर हो। परिवार में 16-59 साल का पुरुष न हो। घर की प्रमुख महिलाएं हों और घर में कोई विकलांग हो या कोई बड़ा कमाने वाला न हो। शहरों में रिक्शा चालक, मोची जैसे 11 कारोबारों में काम करने वालों को इसमें शामिल किया गया है।