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Pulwama Terror Attack: हटाई जा सकती है अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा, अब काफिला निकलने से पहले सील होगी सड़क

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिल पर हुए कायराना आतंकी हमले के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य का दौरा किया.

Updated on: 15 Feb 2019, 07:25 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए कायराना आतंकी हमले के बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्य का दौरा किया. गृह मंत्री ने सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने के साथ ही शहीद के शवों को कंधा भी दिया. इसके बाद गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस हमले के बाद सरकार की कार्रवाई की जानकारी दी. गृह मंत्री ने सुरक्षा के नजरिए से उठाए गए कदमों को लेकर कहा कि अब जम्मू-कश्मीर में जब भी सेना या सुरक्षाबलों का काफिला किसी रास्ते से गुजरेगा उसे पहले पूरी तरह सील किया जाएगा. इतना ही नहीं पाकिस्तान के शह पर काम करने वाले अलगाववादी संगठनों के नेताओं की सुरक्षा को लेकर भी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. केंद्र सरकार इनकी सुरक्षा हटा सकती है और इसके लिए एजेंसियों को इनकी सुरक्षा की समीक्षा करने का आदेश दिया गया है.

कल CRPF के काफिले पर हुआ था हमला

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu&Kasmir) के पुलवामा जिले में गुरुवार को सबसे बड़ा आतंकी हमला हुआ था. पाकिस्तान में बैठे जैश-ए-मोहम्मद ने श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया. इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए हैं. यह हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में हुआ. पुलिस सूत्रों ने कहा है कि एसयूवी चला रहे फिदायीन हमलावर ने दोपहर करीब 3:15 बजे अपने वाहन से सीआरपीएफ (CRPF) की बस में टक्कर मारी थी.

1989 के बाद सुरक्षाबलों पर सबसे बड़ा हमला

घाटी में 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से हुए अब तक के सबसे बड़े आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमला किया. धमाका इतना जबरदस्त था कि आस-पास जवानों के शव टुकड़ों में सड़क पर बिखर गए. जैश ए मोहम्मद ने इस आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली. पुलिस ने आतंकवादी की पहचान पुलवामा के काकापोरा के रहने वाले आदिल अहमद के तौर पर की है. उन्होंने बताया कि अहमद 2018 में जैश-ए-मोहम्मद में शामिल हुआ था. अमेरिका, श्रीलंका , भूटान, इजरायल, बांग्लादेश समेत कई अन्य देशों ने इस हमले की कड़ी निंदा की.