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RIP जॉर्ज फर्नांडिस: ताकतवर विद्रोही और फिर प्रूफरीडर से लेकर रक्षा मंत्री बनने तक का सफर

जॉन जोसफ फर्नांजिस अपने सबसे बड़े बेटे जॉर्ज फर्नांडिस को पढ़ा-लिखाकर वकील बनाना चाहते थे, लेकिन उन्हें पढ़ाई का मन नहीं था.

Updated on: 29 Jan 2019, 10:36 AM

नई दिल्ली:

भारत के पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस इस दुनिया में नहीं रहे. उनका मंगलवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. पूर्व रक्षा मंत्री अल्जाइमर नामक बीमारी से पीड़ित थे, जिसकी वजह से उन्हें कुछ भी याद नहीं रहता था. 88 वर्षीय फर्नांडिस का दिल्ली के मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने आज सुबह 7 बजे आखिरी सांस ली.

फर्नांडिस का जन्म 3 जून 1930 को कर्नाटक के मैंगलोर में एक ईसाई परिवार में हुआ था. उनके पिता का नाम जॉन जोसफ फर्नांजिस था. जॉर्ज अपने सभी 6 भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. जॉर्ज फर्नांडिस की प्रारंभिक शिक्षा घर के पास स्थित एक सरकारी स्कूल में हुई थी. यहां उन्होंने कुछ ही साल पढ़ाई की. कक्षा पांचवी से उन्होंने मैंगलोर के सेंट एलॉयसियस कॉलेज में पढ़ाई की, यहां उन्होंने अपनी माध्यमिक शिक्षा पूरी की थी.

जॉन जोसफ फर्नांजिस अपने सबसे बड़े बेटे जॉर्ज फर्नांडिस को पढ़ा-लिखाकर वकील बनाना चाहते थे, लेकिन उन्हें पढ़ाई का मन नहीं था. उन्होंने दसवीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी. फिर 16 साल की उम्र में उन्हें धार्मिक शिक्षा के लिए बैंगलोर के सेंट पीटर्स विद्यालय भेज दिया गया, ताकि वे रोमन कैथोलिक पादरी बन सकें. लेकिन चर्च में होने वाले पाखंड से परेशान होकर उन्होंने विद्यालय छोड़ दिया. 1946 से 1948 तक उन्होंने दर्शनशास्त्र की शिक्षा ग्रहण की.

19 साल की उम्र में कमाने-खाने के लिए बंबई चले गए और वहां एक होटल में काम करने लगे. वे बंबई की सड़कों पर लगे बेंच और चौपाटी पर ही सो जाते थे. उन्होंने सड़क परिवहन और होटल में काम करने वाले शोषित कर्मचारियों को संगठित करना शुरू कर दिया. यहां तक आते-आते जॉर्ज सोशलिस्ट पार्टी और ट्रेड यूनियन आंदोलनों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने लगे थे. अब देश में उनकी अलग छवि बन गई थी, उन्हें अब एक ताकतवर विद्रोही के रूप में जाना जाने लगा था. 1950 तक तो वे टैक्सी ड्राइवर यूनियन के बेहद ही तेज-तर्रार नेता बन गए थे.

जिसके बाद जॉर्ज फर्नांडिस एक समाचार पत्र में एक प्रूफरीडर के तौर पर काम करने लगे. भारतीय व्यापार संघ के सदस्य, राजनेता, पत्रकार, किसान, लोकसभा सदस्य और राज्यसभा सदस्य भी रहे. उन्होंने भारत सरकार के केंद्रीय मंत्रिमण्डल में रक्षामंत्री, संचारमंत्री, उद्योगमंत्री, रेलमंत्री आदि के रूप में कार्य कर चुके हैं.