नहीं रहे एनडी तिवारी, लंबे समय से थे बीमार, दिल्ली के निजी अस्पताल में हुई मौत
पिछले कुछ दिनों से एनडी तिवारी की तबीयक ख़राब चल रही थी. पिछले महीने भी तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
नई दिल्ली:
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एनडी तिवारी का गुरुवार को नई दिल्ली के एक निजी अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. तिवारी 93 साल के थे. अस्पताल के चिकित्सकों से यह खबर मिली. वृद्धावस्था और गुर्दे की समस्याओं से जूझ रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री का साकेत के मैक्स अस्पताल में गुरुवार को दोपहर तीन बजे निधन हुआ. उनके परिवार में उनकी पत्नी उज्जवला और बेटा रोहित शेखर हैं.
दो राज्यों के मुख्यमंत्री रहने वाले पहले भारतीय तिवारी पिछले साल सितम्बर से ही अस्पताल में भर्ती थे. इस साल जुलाई से वह इंटेसिंव केयर यूनिट (आईसीयू) में थे.
नैनीताल में 18 अक्टूबर, 1925 को जन्मे तिवारी तीन बार (1976-77, 1984-85 और 1988-89) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. इसके साथ उत्तराखंड में वह 2002-2007 में मुख्यमंत्री रहे.
इसके अलावा, चौधरी चरण सिंह की सरकार में वह केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यरत भी रहे. वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के मंत्रिमंडल का भी हिस्सा रहे. इसमें उन्होंने वित्तमंत्री और विदेश मंत्री की जिम्मेदारियां संभाली.
साल 2007 में तिवारी को आंध्र प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया. 2009 में एक यौन मामले में शामिल होने के कारण उन्हें इस पद से हटना पड़ा.
स्वतंत्रता के बाद 1952 में वह नैनीताल निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बने थे. 1963 में वह कांग्रेस में शामिल हुए और 1994 में इस पार्टी से निकलकर उन्होंने अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) नाम से अपनी पार्टी का निर्माण किया. 1996 में वह फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए.
पिछले साल जनवरी में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की और बीजेपी के प्रति अपना समर्थन दर्शाया, लेकिन आधिकारिक रूप से वह इस पार्टी में शामिल नहीं हो पाए.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उप-राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिवारी के निधन पर शोक व्यक्त किया.
राष्ट्रपति कोविंद ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के विकास और सार्वजनिक कल्याण में योगदान के लिए तिवारी की प्रशंसा की.
मोदी ने ट्विटर पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, "एक बेहतरीन नेता होने के साथ-साथ वह अपने प्रशासनिक कौशल के लिए भी जाने जाते थे. उन्हें औद्योगिक विकास की दिशा में प्रयास के साथ उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की प्रगति के लिए काम करने के लिए याद किया जाएगा."
बीजेपी अध्यक्ष शाह ने कहा कि भारतीय राजनीति के लिए तिवारी का निधन बड़ा नुकसान है.
कांग्रेस ने ट्वीट किया, "आज हम हमारे सबसे मजबूत नेता के निधन का शोक मना रहे हैं."
और पढ़ें- #MeToo मानहानि केस: एमजे अकबर की वकील ने कहा, '40 सालों में बनाई छवि खराब हुई'
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तिवारी के निधन पर शोक व्यक्त किया है और कहा कि उनके लिए यह निजी नुकसान है.
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