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EVM टेंपरिंग: चुनाव आयोग ने केजरीवाल के आरोप को खारिज किया, कहा मशीन से नहीं हो सकती छेड़छाड़

आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा हार के बाद ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से वोटिंग की फिर से जांच करवाने की मांग की थी

Updated on: 02 Apr 2017, 07:22 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा चुनाव में हार के बाद ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से वोटिंग की फिर से जांच करवाने की मांग की थी। इस पर आज चुनाव आयोग ने एक लंबी चिट्ठी लिखकर केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को जवाब दिया है कि भारत में किसी भी हालत में ईवीएम से छेड़छाड़ करना संभव नहीं है।

भारतीय चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी को लिखी जवाबी चिट्ठी में कई प्वाइंट्स में समझाया है कि भारत में क्यों ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं है

1. पहले प्वाइंट में चुनाव आयोग ने लिखा है कि ईवीएम टेम्परिंग को लेकर पार्टियों की शिकायत को चुनाव आयोग ने संज्ञान में लिया। इसमें कई हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई लेकिन आयोग के साथ ही कोर्ट ने भी इसे निरस्त कर दिया। ईवीएम तकनीकी और प्रशासनिक दोनों लिहाज से बेहद सुरक्षित हैं और इससे छेड़छाड़ संभव ही नहीं है। ये लोकतांत्रिक चुनाव के लिए बेहद सुरक्षित मशीन है।

2. दूसरे प्वाइंट में आप पार्टी को जवाब देते हुए चुनाव आयोग ने लिखा है कि राजनीतिक पार्टियां विदेश में ईवीएम के रोक का जिक्र कर रही हैं। आयोग ये साफ करना चाहता है कि विदेशों में उपयोग होने वाले ईवीएम और भारत में उपयोग होने वाले ईवीएम में तूलना करना भ्रामक और लोगों को गलत जानकारी देने जैसा है। चुनाव आयोग जिस ईवीएम मशीन का इस्तेमाल करती है वो हर यूनिट एक अकेला मशीन होता है उसका दूसरे मशीन से कोई लेना देना नहीं होता है।

जबकि विदेशों में जिस ईवीएम का इस्तेमाल किया जाता है वो कम्प्यूटर बेस्ड होता है जिसे इंटरनेट की मदद से कंट्रोल किया जाता है यहां हैकिंग किया जा सकता है। इसी में दूसरा कारण बताते हुए चुनाव आयोग ने कहा है कि भारत में जिस ईवीएम का इस्तेमाल होता है उसमें लगा चिप एक बार ही इस्तेमाल हो सकता है जिसके बाद उसे जला दिया जाता है। इसलिए भारत में इस्तेमाल होने वाला ईवीएम विदेशी ईवीएम से मूल रूप से अलग होता है।

3.तीसरे प्वाइंट में आयोग ने कहा कि किसी भी राजनीतिक पार्टी की विचारधारा अलग-अलग हो सकती है लेकिन साल 2010 में चुनाव आयोग की ही बैठक में सभी दलों ने चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल पर संतुष्टि जताई थी। आयोग ईवीएम के इस्तेमाल को और पारदर्शी बनाने के लिए आयोग लगातार सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।

4. चौथे प्वाइंट में चुनाव आयोग ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी कभी चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल पर कभी कोई शक नहीं जताया। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाना और काल्पनिक तौर उसे गलत बताना एक जिम्मेदार पार्टी को शोभा नहीं देता है।

5. पांचवे प्वाइंट में चुनाव आयोग ने बताया है कि ईवीएम में किसी भी तकनीकी कमी को दूर करने के लिए आयोग ने सुरक्षा उपायों और तकनीकी विशेषज्ञों की प्रशासनिक व्यवस्था भी है। ये आपकी पार्टी पर निर्भर करता है कि उम्मीदों के मुताबिक चुनाव में प्रदर्शन क्यों नहीं हो पाता। लेकिन इसके लिए ईवीएम को दोष देना आपकी पार्टी के असंतोषजनक सर्वेक्षण को प्रदर्शित करता है।

6. छठे प्वाइंट में आयोग ने लिखा है कि आपने पंजाब विधानसभा में ईवीएम से छेड़छाड़ होने का आरोप लगाया है। लेकिन मतदान से पहले राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के एजेंटो के सामने मॉक टेस्ट किया जाता है जिसमें वीवीपीएटी का इस्तेमाल होता है। मतदान में वीवीपीएटी के कागज की संख्या के साथ इलेक्टॉनिक परिणामों को ठीक किया जाता है। इसी के बाद वोटिंग की प्रक्रिया शुरू होती है। ईवीएम को चुनाव में इस्तेमाल करने से पहले उसकी पूरी जांच की जाती है।

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इन प्वाइंट के बाद चुनाव आयोग ने कहा है कि आम आदमी पार्टी ने जो फिर से वोटों की गिनती की मांग की है उसपर परिणाम घोषित होने के बाद केवल वोट डाले गए डेटा को सत्यापित करने के लिए न्यायालय में चुनाव याचिका दर्ज कराना जरूरी है।

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