कांग्रेस ने तैयार किया प्लान C, विधानसभा चुनाव से पहले कई राज्यों में करेगी लागू
राहुल गांधी ने ऑपरेशन-C चलाने का फैसला लिया है जिसके तहत राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को परास्त करने की रणनीति बनाई जा रही है।
नई दिल्ली:
कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी और बहुमत से महज 7 कदम दूर होने के बावजूद अगर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) विश्वास मत हासिल नहीं कर पाई तो उसकी बड़ी वजह थी कांग्रेस की सटीक रणनीति और सतर्कता।
कांग्रेस इस बात को लेकर काफी उत्साहित है कि उसने राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को उन्हीं की पिच पर मात दे दी है। पार्टी में इसका पूरा श्रेय राहुल गांधी को दिया जा रहा है क्योंकि उन्हीं के कहने पर ऑपरेशन-B बनाया गया था।
दरअसल राहुल गांधी ने नतीजों से पहले अहमद पटेल, अशोक गहलोत, गुलाम नबी आजाद, डीके शिवकुमार और कर्नाटक के प्रभारी केसी वेणुगोपाल से लंबी बातचीत की। इसी बैठक में राहुल गांधी ने प्लान B तैयार किया था।
सिद्धारमैया के साथ उनकी विस्तार से बातचीत हुई हुई। जिसमें त्रिशंकु विधानसभा आने पर जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) को बिना शर्त समर्थन देने के लिए तैयार रहने को कहा गया।
वहीं राहुल ने सिद्धरमैया और एचडी देवगौड़ा के बीच रिश्तो की तल्खी को भी खत्म किया ताकि कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन हकीकत की शक्ल ले सके। जेडीएस से संपर्क करने की जिम्मेदारी डीके शिवकुमार को दी गई क्योंकि डीके शिवकुमार वक्का लिंगा नेता है और वह कुमारास्वामी के अच्छे दोस्त माने जाते हैं।
इसके साथ ही डीके शिवकुमार को विधायकों को संभालने की जिम्मेदारी भी दी गई। वहीं दूसरी ओर दिल्ली में राहुल गांधी अहमद पटेल गुलाम नबी आजाद अशोक गहलोत के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में तुरंत फैसला लिया गया की गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत को कर्नाटक रवाना कर दिया जाए।
कर्नाटक में पर्दे के सामने अशोक गहलोत गुलाम नबी आजाद मल्लिकार्जुन खड़गे मोर्चा संभाल रहे थे तो पर्दे के पीछे से अहमद पटेल, डी के शिवकुमार अपनी सियासी बाजीगरी दिखा रहे थे।
इसी बीच अहमद पटेल ने अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल को फोन किया और सुप्रीम कोर्ट जाने को लेकर तैयार रहने को कहा. लेकिन उस वक्त अभिषेक मनु सिंघवी चंडीगढ़ में थे।
तत्काल प्रभाव से अभिषेक को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली बुलाया। अब कांग्रेस की इस रणनीति का नतीजा सामने है येदियुरप्पा शपथ ग्रहण के बाद 55 घंटे तक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे। कुमारस्वामी मुख्मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं कांग्रेस और जेडीएस के बीच सत्ता का फार्मूला तय हो चुका है।
लिहाजा कर्नाटक के होने वाले मुख्यमंत्री, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। सबके मन में यह सवाल उठ रहा है कि जेडीएस और कांग्रेस की सरकार कब तक अब किस तरीके से चलेगी।
वहीं कांग्रेस के संगठन महासचिव अशोक गहलोत का कहना है कि कर्नाटक में जनता की जीत हुई है राहुल गांधी के नेतृत्व में सभी नेताओं ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से युद्ध लड़ा और आखिरकार लोकतांत्रिक जीत गया और अलोकतांत्रिक शक्तियां हार गई।
कर्नाटक में जीत के बाद अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऑपरेशन-C चलाने का फैसला लिया है जिसके तहत राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी को परास्त करने की रणनीति बनाई जा रही है।
राहुल ने तीनों ही राज्यों के हर जिले में 10 बड़े नेताओं को लगाया गया है जिनका काम है पार्टी की जमीनी हकीकत को भावना और 1 महीने के भीतर रिपोर्ट सौंपना।
क्या है कांग्रेस का प्लान C
1. असल मुद्दों की पड़ताल की जाएगी।
2. जनता सरकार से क्या चाहती है।
3. युवाओं और महिलाओं की क्या समस्याएं हैं।
4. सबसे ज्यादा एंटी इनकंबेंसी किन मुद्दों पर है।
5. जनता विपक्ष से क्या चाहती है।
6. जातीय समीकरण क्या है।
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