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मुश्किल में आप, CBDT ने राजनीतिक फंडिंग पर उठाए सवाल

सीबीडीटी ने कहा है कि आम आदमी की तरफ से चंदे को लेकर चुनाव आयोग को दी गई जानकारी और उसको मिले चंदे के रेकॉर्ड में असमानताएं हैं, जो जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन हैं।

Updated on: 09 Jan 2018, 01:31 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी के डोनेशन को लेकर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज़ (सीबीडीटी) ने सवाल उठाए हैं। सीबीडीटी का कहना है कि आम आदमी की तरफ से चंदे को लेकर चुनाव आयोग को दी गई जानकारी और उसको मिले चंदे के रेकॉर्ड में असमानताएं हैं, जो जनप्रतिनिधित्व कानून का उल्लंघन हैं। 

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के अनुसार 3 जनवरी को सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने मुख्य चुनाव आयुक्त ए के ज्योति को इस बारे में पत्र भी लिखा है। उनका कहना है कि वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान आप के फाइनांस का गलत मूल्यांकन (मूल्यांकन साल 2015-16) किया गया है। जो जनप्रतिनिधित्व कानून के घारा 29(C) का उल्लंघन है।

इस धारा के तहत सभी दलों को 20,000 रुपये से अधिक की राजनीतिक फंडिग की जानकारी सरकार को देनी होती है।

घोषित की गई राशि की विसंगतियों को देखते हुए आयकर विभाग ने आम आदमी पार्टी को इस संबंध में पिछले साल नवंबर में एक नोटिस भी भेजा था। जिसके बाद आप ने सरकार पर आरोप लगाते हुए इसे विपक्ष को खत्म करने की साजिश करार दिया था।

इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि चुनाव आयोग को लिखी सीबीडीटी की चिट्ठी में आप की आमदनी के मूल्यांकन के बारे में जानकारी दी गई है, साथ ही ये भी बताया गया है कि पार्टी के ऑडिट किये गए 13.16 करोड़ की आमदनी और खर्च के फंड दाताओं के नाम और पता नहीं दिये गए हैं।

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इसमें कहा गया है कि आप ने 450 ऐसे दाताओं के नाम नहीं बपताए हैं जिन्होंने 20,000 से ज्यादा का चंदा पार्टी को दिया है। साथ ही मूल्यांकन में पता चला है कि 2 करोड़ का हवाला एंट्रीज़ भी हैं और 36.95 करोड़ रुपये के फंड की भी जानकारी मिली है जिसे पार्टी की वेबसाइट पर घोषित नहीं किया गया है।

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