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Sycamore plant: गूलर के पौधे के आयुर्वेदिक लाभ जानिए

Sycamore plant: गूलर, जिसे बोटानिकल रूप से Ficus racemosa के नाम से जाना जाता है. यह पेड़ पर्णपरागत चिकित्सा तथा प्राचीन भारतीय औषधियों का महत्वपूर्ण स्त्रोत है।

Updated on: 24 Feb 2024, 02:02 PM

नई दिल्ली:

Sycamore plant: गूलर, जिसे बोटानिकल रूप से Ficus racemosa के नाम से जाना जाता है, एक बड़ा और सघन पेड़ होता है जो अक्सर उच्चतम 15-20 मीटर की ऊंचाई तक पहुँच सकता है। इसके पत्ते विस्तृत होते हैं और इसके फल लाल और मिठे होते हैं। गूलर का पेड़ पूर्वी एशिया, दक्षिण एशिया, और आफ्रिका के उष्ण और उमस क्षेत्रों में पाया जाता है। यह पेड़ विभिन्न आयुर्वेदिक औषधियों के रूप में प्रयोग किया जाता है और उसके लकड़ी और पत्तों का उपयोग भी अनेक उपयोगों के लिए किया जाता है। इसके पत्ते और जड़ से अनेक प्रकार की चिकित्सीय औषधियों का निर्माण किया जाता है और यह पेड़ पर्णपरागत चिकित्सा तथा प्राचीन भारतीय औषधियों का महत्वपूर्ण स्त्रोत है।

गूलर पौधे के आयुर्वेदिक लाभ विस्तार से हैं। इस पौधे के विभिन्न भागों का उपयोग विभिन्न चिकित्सा समस्याओं के इलाज में किया जाता है।

दांतों के लिए लाभदायक: गूलर के पेड़ के छाले का छाना या दांत में दबाने से दांतों के संदर्भ में सुधार होता है और मसूड़ों की समस्याओं को दूर करने में मदद मिलती है।

पाचन और आंत्रिक स्वास्थ्य: गूलर के पत्ते का रस पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है, जिससे पाचन तंत्र को बेहतर बनाए रखा जा सकता है।

खांसी और जुकाम का इलाज: गूलर के पत्ते का काढ़ा या गरारे करने से खांसी और जुकाम में लाभ मिलता है।

त्वचा स्वास्थ्य: गूलर के पत्ते का रस त्वचा की स्वस्थता को बनाए रखने में मदद कर सकता है और कई त्वचा समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है।

बूँदी की समस्या: गूलर के पत्ते का रस पीने से बूँदी की समस्या में राहत मिल सकती है।

जोड़ों के दर्द: गूलर के पत्ते के पेस्ट को जोड़ों के दर्द से राहत प्राप्त करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

अन्य लाभ: गूलर के पत्ते के रस को मधुमेह, पाचन संबंधी समस्याएँ, कब्ज, बवासीर, गले की समस्याएँ, बालों की समस्याएँ और अन्य चिकित्सा समस्याओं का इलाज करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।