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Acidity Ayurvedic Upay: एसिडिटी का आयुर्वेदिक में क्या है इलाज, जानें घरेलू नुस्खे

Acidity Ayurvedic Upay: बार-बार सीने में जलन होने से पेट में घाव हो सकता है, जिससे अल्सर भी हो सकता है. ये घरेलू नुस्खों से एसिडिटी का स्थायी इलाज किया जा सकता है.

Updated on: 21 Mar 2024, 01:29 PM

नई दिल्ली :

Acidity Ayurvedic Upay: आयुर्वेद में एसिडिटी को अम्लपित्त कहा जाता है. यह पेट में अत्यधिक एसिड बनने के कारण होता है. एसिडिटी के लक्षणों में पेट में जलन, अपच, खट्टी डकारें, और सीने में दर्द शामिल हैं. एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह रोग व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित करने वाला एक सामान्य समस्या है. आयुर्वेद में एसिडिटी का इलाज प्राकृतिक और स्थायी तरीके से होता है, जिसमें विभिन्न प्राकृतिक उपचारों का उपयोग किया जाता है. आयुर्वेद में एसिडिटी के उपचार के लिए विभिन्न जड़ी बूटियों, घरेलू नुस्खों और आहार नियमों का प्रयोग किया जाता है. जैसे कि जीरा, सोंठ, आमला, त्रिफला, धनिया, पुदीना, और अन्य प्राकृतिक सामग्रीयों का उपयोग किया जाता है. ये उपाय पाचन को सुधारने में मदद करते हैं, अम्लता को कम करते हैं, और पेट के अल्सर की समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज आसान और सुरक्षित होता है और इसमें किसी भी प्रकार की नकारात्मक प्रभाव या साइड इफेक्ट का खतरा नहीं होता है. इसके अलावा, यह रोग का निदान करता है, जिससे व्यक्ति को दुर्गंध, दर्द और अन्य संबंधित समस्याओं से राहत मिलती है. इसलिए, एसिडिटी का आयुर्वेदिक इलाज उपयोगी और महत्वपूर्ण होता है.

एसिडिटी का आयुर्वेदिक उपचार:

1. आहार: एसिडिटी वाले लोगों को अपने आहार में बदलाव करने की आवश्यकता होती है. उन्हें तले हुए, मसालेदार, और अम्लीय खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए. उन्हें ताजे फल, सब्जियां, और साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए. 

2. जड़ी-बूटियां: एसिडिटी के इलाज के लिए कई आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां उपलब्ध हैं. इनमें से कुछ जड़ी-बूटियों में मुलेठी, अश्वगंधा, और त्रिफला शामिल हैं. इन जड़ी-बूटियों को चाय, पाउडर, या कैप्सूल के रूप में लिया जा सकता है. 

3. योग: योग एसिडिटी के इलाज में मददगार हो सकता है. कुछ योगासन जो एसिडिटी से राहत दिला सकते हैं उनमें भुजंगासन, शलभासन, और पश्चिमोत्तानासन शामिल हैं. 

4. जीवनशैली: एसिडिटी वाले लोगों को अपनी जीवनशैली में बदलाव करने की आवश्यकता होती है. उन्हें नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए और तनाव से बचना चाहिए. उन्हें धूम्रपान और शराब पीने से भी बचना चाहिए.

एसिडिटी के घरेलू आयुर्वेदिक उपचार:

जीरा: जीरा एक प्राकृतिक उपचार है जो पाचन को सुधारता है और अम्लता को कम करता है. आप रोजाना गर्म पानी में जीरा भिगोकर पी सकते हैं या फिर खाने के साथ थोड़ा सा जीरा खा सकते हैं.

सोंठ: सोंठ एसिडिटी को दूर करने में मदद करता है. आप गरम पानी में सोंठ का चूर्ण मिलाकर पी सकते हैं या फिर सोंठ की चाय बना सकते हैं.

आमला: आमला एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो पाचन को सुधारता है और अम्लता को कम करता है. आप रोजाना आमला का रस पी सकते हैं या फिर आमला का मुरब्बा खा सकते हैं.

त्रिफला: त्रिफला पाचन को सुधारता है, अम्लता को कम करता है, और आंतों को साफ करता है. आप रोजाना त्रिफला का पाउडर खा सकते हैं या फिर गर्म पानी में इसे भिगोकर पी सकते हैं.

धनिया: धनिया के बीज या पत्तियाँ एसिडिटी को कम करने में मदद कर सकते हैं. आप रोजाना पीसे हुए धनिया का सेवन कर सकते हैं या फिर धनिया की चाय बना सकते हैं.

इन आयुर्वेदिक उपायों को नियमित रूप से अपनाकर आप एसिडिटी को कम कर सकते हैं और पेट के अल्सर की समस्याओं को नियंत्रित कर सकते हैं. यह सलाह दिए गए उपायों का इस्तेमाल करने से पहले एक विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श करना उचित होता है. एसिडिटी का इलाज करने के लिए आप इन उपायों को आजमा सकते हैं. एसिडिटी एक गंभीर बीमारी हो सकती है. अगर आपको एसिडिटी के लक्षण लगातार रहते हैं, तो आपको डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए.

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