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Anup Ghoshal Passes Away: 'तुझसे नाराज नहीं जिंदगी' फेम सिंगर अनूप घोषाल का हुआ निधन, ममता बनर्जी ने जताया शोक

बंगाली गायक अनूप घोषाल, जो मासूम के गीत तुझसे नाराज नहीं जिंदगी के लिए फेमस थे, का शुक्रवार को मल्टी-ऑर्गन फेलियर के कारण निधन हो गया है.

Updated on: 16 Dec 2023, 10:47 AM

New Delhi:

Anup Ghoshal Passes Away: पॉपुलर सिंगर और संगीतकार अनूप घोषाल का शुक्रवार को 77 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वह 1983 की फिल्म मासूम के गीत 'तुझसे नाराज नहीं जिंदगी' के लिए सबसे लोकप्रिय थे, और सत्यजीत रे के कई संगीत में उनके योगदान थे. मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अनूप घोषाल पिछले कई दिनों से बुढ़ापे की बीमारियों के कारण दक्षिण कोलकाता के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे. उन्होंने शुक्रवार को अंतिम सांस ली और दोपहर 1.40 बजे मल्टी ऑर्गन फेलियर के कारण उनका निधन हो गया. बता दें कि, सिंगर की दो बेटियां हैं.

सिंगर के साथ राजनेता भी थे अनूप
अनुप घोषाल ने संगीत की दुनिया पर अमिट छाप छोड़ी. उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर उत्तरपाड़ा सीट से 2011 का विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक लड़कर राजनीति में भी कदम रखा था. 

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अनूप घोषाल के निधन पर शोक व्यक्त किया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अनूप घोषाल के निधन पर शोक व्यक्त किया. पीटीआई ने उनके शोक संदेश में कहा, ''मैं बंगाली, हिंदी और अन्य भाषाओं में गाने वाले अनूप घोषाल के निधन पर गहरा दुख और संवेदना व्यक्त करती हूं.''

अभिनेत्री पाओली डैम ने भी उनकी मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और लिखा, “आपको ब्रह्मांड की धुनों में शाश्वत सद्भाव मिले! #अनूपघोशाल #रेस्टिनम्यूजिक #रेस्टिनपीस.”

अनूप घोषाल का वर्क फ्रंट 
अनूप घोषाल एक प्रखर गायक थे, और गीतों में अपने टैलेंट के लिए जाने जाते थे. उनका जन्म 1945 में अमूल्य चंद्र घोषाल और लाबन्या घोषाल के घर हुआ था. उन्होंने 4 साल की उम्र में अपना संगीत प्रशिक्षण शुरू कर दिया था, और उन्होंने अपने पहले प्रदर्शन के लिए ऑल इंडिया रेडियो, कोलकाला से बच्चों के कार्यक्रम शिशु महल के लिए गाना गाया था. उनका टैलेंट काज़ी नज़रूल इस्लाम, रवीन्द्रनाथ टैगोर और आधुनिक बंगाली गीतों में प्रदर्शित हुआ. उनके लोकप्रिय हिंदी गानों में मासूम से 'तुझसे नाराज नहीं जिंदगी', 'हुस्न भी आप हैं, इश्क भी आप ' और 'शीशे का घर' से 'तुम साथ हो जिंदगी भर के लिए' शामिल हैं. एक पार्श्व गायक के रूप में, वह सत्यजीत रे की गूपी गाइन बाघा बायने, हिरक राजार देशे, गूपी बाघा फिरे एलो, फुलेश्वरी, निमन्त्रन सहित अन्य से जुड़े रहे थे. सिर्फ हिंदी और बंगाली ही नहीं, उन्होंने असमिया और भोजपुरी जैसी अन्य भारतीय भाषाओं में भी गाने गाए थे.