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ये नियम होते तो बच सकती थी केके की जान, विदेशों की तरह क्यों नहीं सुरक्षित हैं लाइव शो?  

लाइव शो के दौरान केके की बिगड़ती तबियत और मौत ने एक बार इवेंट ऑर्गनाइजर की बरती गई, लापरवाही पर सवाल उठाता है. 

Updated on: 01 Jun 2022, 10:23 PM

highlights

  • केके को सुनने के लिए अनुमान से अधिक ऑडियंस पहुंच गई
  • लाइव शो के हॉल में एक डॉक्टर मौजूद होता, तो शायद केके बच जाते

नई दिल्ली:

आम जनता के ​बीच बॉलीवुड सिंगर को लाइव सुनने के लिए हमेशा से क्रेज रहा है. लाइव शो में अकसर भारी भीड़ इन्हें सुनने के लिए पहुंचती है. ऐसा कुछ केके के लाइव शो में भी देखने को मिला. कोलकाता में केके को सुनने के लिए अनुमान से अधिक ऑडियंस पहुंच गई. इस दौरान लाइव शो में भारी शोर और एसी के बंद होने से गायक की तबीयत बिगड़ गई. इसके बाद केके जब बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे, तभी सेल्फी लेने की होड़ मच गई. यहां पर सुरक्षा में भारी लापरवाही को देखा गया. केके की तबीयत उस समय बिगड़ रही थी. अगर वे तेजी से बाहर निकलकर डॉक्टर के पास पहुंच जाते तो शायद वह हमारे बीच जिंदा होते. 

फैंस सवाल उठा रहे हैं. अगर लाइव शो के हॉल में एक डॉक्टर मौजूद होता, तो शायद केके बच जाते. भीड़ से निकलने की कोशिश में न फंसकर केके अगर जल्दी कार तक पहुंचते, तो अस्पताल पहुंचने में देर नहीं होती. फिल्मों में गाने के अलावा गायक के लिए लाइव परफॉर्म करना हमेशा से रोमांचक रहा है. खुले आसमान में फैंस के बीच गाते इन गायकों का जोश भी काफी अधिक रहता है. खासकर केके तो अपनी लाइव परफॉर्मेंस के लिए ही जाने जाते थे. 

केके को लाइव सुनना कई म्यूजिक प्रेमियों के बकेट लिस्ट में शुमार था. हालांकि उनकी मौत ने कलाकारों को डरा दिया है. खासकर उन दिग्गजों  को जो लगातार ऐसे लाइव शो करते रहे हैं. 

कलाकार की सुरक्षा हमेशा हल्के में ली जाती है 

कैलाश खेर का कहना है कि लाइव परफॉर्मेंस में सबसे पहले ऑर्गनाइजर्स को एक चीज का ध्यान रखना होता है. ग्रीन रूम से लेकर स्टेज तक पहुंचने के रास्ते में भीड़ नहीं होनी चाहिए. कलाकार की अपनी टीम होती है. ये कलाकार को मैनेज करती है. भीड़ को कंट्रोल करना उसके बस में नहीं होता. इन दिनों मैंने देखा है कि क्राउड के पास एक नहीं बल्कि दो से  तीन फोन होते हैं. होड़ लगी होती है.वो आर्टिस्ट को कैप्चर करने में इतने मशगूल होते हैं कि उन्हें सिंगर की असहजता दिखती नहीं है. कई बार मुझे ये भीड़ इंसानों की नहीं मशीनों की लगती है. 

क्या होता है विदेशों में 

सिंगर कैलाश खेर का कहना है कि विदेशों में तो बिना इंश्योरेंस के कोई भी कलाकार परफॉर्म करता ही नहीं है. वहां तो इंश्योरेंस के बिना इजाजत ही नहीं होती है. इंश्योरेंस के साथ-साथ फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस, डॉक्टर्स हमेशा इवेंट स्पॉट में खड़े ही होते हैं. मगर हमारे देश में ये सब नहीं होता है. सरकार ने कभी हम कलाकारों को तरजीह नहीं दी है. कलाकार की सुरक्षा को बड़ा नहीं माना जाता है. इसे हल्के में लिया जाता है. ये कुछ खास चीजें हैं, इस पर सरकार को सोचना चाहिए.