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शरद गुट को मिले नए नाम और चिह्न, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में इस्तेमाल का दिया आदेश

शरद पवार गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी चिह्न और नाम को उपयोग करने की इजाजत दे दी है.

Updated on: 19 Mar 2024, 08:31 PM

नई दिल्ली:

शरद पवार गुट को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने शरद पवार गुट की पार्टी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरद चंद्र पवार और तुरही बजाते हुए आदमी चुनाव चिह्न के तौर पर आवंटित किया है. वहीं, अजित पवार गुट को घड़ी चुनाव चिह्न और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का नाम दिया. जस्टिस सूर्यकांत और केवी विश्वनाथन की बेंच ने शरद पवार गुट को 'तुरही बजाते हुए आदमी' को अपने चुनावी चिह्न के तौर पर इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है. 

दरअसल, शरद पवार गुट में सुप्रीम कोर्ट ने याचिका लगाई थी. इसपर शीर्ष कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए   पवार गुट की पार्टी को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरद चंद्र पवार और तुरही बजाते हुए आदमी चुनाव चिह्न के तौर पर आवंटित किया है. वहीं, अजित पवार गुट को 'घड़ी' चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है. याचिका में रोक की मांग का आधार यह बताया कि इससे दोनों धड़ों को समान अवसर नहीं मिल रहे.

क्या है मामला?

दरअसल, राकांपा के विभाजन से पहले शरद पवार की पार्टी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ था. और राकंपा पार्टी का नाम था, लेकिन चाचा भतीजे के अलग होने के बाद अजित पवार ने राकंपा और घड़ी पर अपना दावा ठोका और चुनाव आयोग से इसे देने का आग्रह किया. जिसपर चुनाव आयोग ने अजित को चुनाव चिह्न घड़ी और राकंपा आवंटित किया. वहीं, शरद पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरद चंद्र पवार और तुरही बजाते हुए आदमी चुनाव चिह्न दिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग के फैसले को सही ठहराते हुए शरद गुट को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी- शरद चंद्र पवार और तुरही बजाते हुए आदमी चुनाव चिह्न अलॉट कर दिया.