कुछ महीने पहले नौकरी ढूंढ़ रही थीं चंद्राणी मुर्मू, अब बन गईं देश की सबसे युवा सांसद
चंद्राणी मुर्मू बीटेक करने के बाद नौकरी तलाश रहीं थीं. लेकिन ये उनकी किस्मत ही है जो उन्हें संसद की चौखट तक ले गई.
नई दिल्ली:
जब किस्मत साथ देती है तो कोई भी कामयाबी की बुलंदियों को छू लेता है. इसी को सही साबित कर दिखाया है ओडिशा की एक युवती या यूं कहें नवनिर्वाचित युवा सांसद चंद्राणी मुर्मू ने. लोकसभा चुनाव से पहले चंद्राणी मुर्मू बीटेक करने के बाद नौकरी तलाश रहीं थीं. लेकिन ये उनकी किस्मत ही है जो उन्हें संसद की चौखट तक ले गई. चंद्राणी मुर्मू 17वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र की सांसद बनी हैं. चंद्राणी मुर्मू अब तक की सबसे कम उम्र के सांसद होने का खिताब अपने नाम करने जा रही हैं. अभी उनकी उम्र महज 25 साल 11 महीने है.
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चंद्राणी ने 2017 में भुवनेश्वर स्थित एसओए विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग ग्रेजुएशन पूरी की. इसके बाद वो अन्य किसी लड़की की तरह ही नौकरी खोज रही थीं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थीं. लेकिन चंद्राणी को क्या पता था कि उनकी किस्मत उन्हें कहां ले जाने वाली हैं. देश की ये सबसे युवा सांसद ओडिशा के क्योंझर (सुरक्षित) लोकसभा सीट से निर्वाचित हुई हैं. इस सीट से बीजू जनता दल ने चंद्राणी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया था. यहां चंद्राणी ने बीजेपी उम्मीदवार को जोरदार टक्कर दी और चुनाव 67,822 मतों के अंतर से जीत लिया. अब सबसे कम उम्र के सांसद को बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है.
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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसी साल यह घोषणा की थी कि वो इस बार लोकसभा चुनाव में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देंगे. इसी से चंद्राणी मुर्मू की लॉटरी लग गई. उन्होंने टिकट मिलने के बाद पूरे जोश और उत्साह के साथ चुनाव लड़ा और वो 17वीं लोकसभा की सबसे कम उम्र की सांसद बन गईं. गौर करने वाली बात ये है कि चंद्राणी मुर्मू के परिवार की राजनीति में सक्रिय भूमिका नहीं है. हालांकि उनके नाना हरिहर सोरेन 1980-1989 तक दो बार कांग्रेस से सांसद रहे.
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यहां आपको बता दें कि 16वीं लोकसभा में इंडियन नेशनल लोकदल के दुष्यंत चौटाला सबसे कम उम्र के सांसद थे. वो 2014 में 26 साल की उम्र में हिसार लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे. उन्होंने कुलदीप बिश्नोई को 31 हजार वोट से हराया था. इसके बाद दुष्यंत का नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था.
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