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आयुर्वेद के डॉक्टर से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनने तक सफर, ये है रमन सिंह की सियासी जर्नी

रमन सिंह को भारतीय राजनीति के उन कुछ नेताओं में माना जाता है जो कर्कश नहीं बोलते जिनके बोलने में बड़बोलापन नहीं होता, जो आराम और इत्मीनान के साथ अपनी बात रखते हैं. लेकिन जहां जरूरत पड़े राजनीतिक दांव पेंच भी खूब चलते हैं और बढ़ चढ़कर चलते हैं.

Updated on: 02 Dec 2023, 05:20 PM

नई दिल्ली:

वैद्य से राजनेता बने डॉ रमन सिंह लगातार 15 साल तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे. मौजूदा समय में वो बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. बीजेपी के बेहद शालीन और शांत नेता रमन सिंह का जन्म 15 अक्टूबर 1952 को रायपुर में हुआ. उनके पिता का नाम विघ्नहरण सिंह ठाकुर और माता का सुधा सिंह है. उनकी पत्नी का नाम वीणा सिंह है. रमन सिंह के दो बच्चे हैं. एक बेटा और दूसरी बेटी है. बेटा अभिषेक सिंह भी बीजेपी से सांसद हैं. रमन सिंह के सार्वजनिक जीवन की शुरुआत 1976-77 से हुई.  1983-84 में वो कवर्धा नगर पालिका के शीतला वार्ड से पार्षद निर्वाचित हुए. इसके बाद वो पीछे मुड़कर नहीं देखा. सियासी कद और दायरा इनका बढ़ता ही गया. साल 1990 और 1993 में वो मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए. वर्ष 1999 में डॉ रमन सिंह लोकसभा चुनाव जीतकर दिल्ली पहुंचे. 

रमन सिंह की प्रतिभा और लोकप्रियता के देखते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया. 13 अक्टूबर 1999 से 29 जनवरी 2003 तक वो केंद्र में वाणिज्य उद्योग राज्य मंत्री रहे. 
वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ नया राज्य बना. वर्ष 2003 में राज्य में पहला चुनाव हुआ. अजित जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार हार गई. बीजेपी की प्रचंड बहुमत से जीत हुई. बीजेपी ने 90 में से 50 सीटें जीत दर्ज की. तो बीजेपी राज्य में एक ऐसा चेहरा चाह रही थी. जो संगठन को मजबूत कर सके और राज्य की जनता का विश्वास जीत सके..ऐसे में केंद्रीय नेतृत्व की नजर रमन सिंह पर गई.

वाजपेयी की सरकार में बने थे केंद्रीय राज्य मंत्री 

तात्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी रमन सिंह से प्रभावित थे और पसंद भी थे. साथ ही रमन सिंह संघ के भी करीबी थे. ऐसे में रमन सिंह को प्रदेश की कमान सौंपी गई. 1 दिसम्बर 2003 को रमन सिंह छत्तीसगढ़ के प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री बने.  2004 में रमन सिंह बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. इसके बाद वर्ष 2008 और साल 2013 में भी उनकी अगुवाई में छत्तीसगढ़ में बीजेपी की सरकार बनी. जिसके बाद से वे लगातार 15 वर्षों तक इस पद पर काबिज रहे. रमन सिंह छत्तीसगढ़ विधानसभा के चार चुनाव जीत चुके हैं. एक बार फिर बीजेपी ने उन्हें राजनांदगांव से टिकट दिया है. 

रमन सिंह के कार्यकाल की ये हैं उपलब्धियां

डॉ रमन सिंह 2004 से 2013 तक राज्य के मुख्यमंत्री बने रहे. इस दौरान कई उपलब्धियां भी हासिल की. रमन सिंह चाउर वाले बाबा के नाम से भी मशहूर हुए. छत्तीसगढ़ की पीडीएस योजना की चर्चा देशभर में हुई थी. इसका श्रेय रमन सिंह को ही जाता है. रमन सिंह ने नक्सलवाद को खात्मे के लिए सलवा जुडूम अभियान भी चलाया. इस अभियान के तहत छत्तीसगढ़ में नक्सली संगठनों को बैन कर दिया गया. इसके लिए संयुक्त राष्ट्र ने भी सराहा.