पीएम नरेंद्र मोदी और पिन्नराई विजयन के बीच के सेतु हैं अडानी: कांग्रेस
चेन्निथला (Ramesh Chennithala) ने शनिवार को कहा कि गौतम अडानी (Gautam Adani), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Kerala CM Pinnarai Vijayan) के बीच एक सेतु हैं.
highlights
- पीएम और सीएम के बीच के सेतु हैं अडानीःचेन्नीथला
- बिजली खरीद समझौते का मकसद अडानी की मदद
- केरल सीएम ने चेन्नीथला के बयान को बताया निराधार
तिरुवनंतपुरम:
कांग्रेस (Congress) के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्निथला (Ramesh Chennithala) ने शनिवार को कहा कि गौतम अडानी (Gautam Adani), प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन (Kerala CM Pinnarai Vijayan) के बीच एक सेतु हैं. चेन्निथला ने अलाप्पुझा जिलान्तर्गत हरिपद में मीडिया से कहा कि पवन ऊर्जा के लिए केरल सरकार के बिजली खरीद समझौते का मकसद अडानी की मदद करना है. यह समझौता प्रत्यक्ष रूप से विजयन की देखरेख में हुआ. विजयन अपने बाएं हाथ का उपयोग त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे के सौदे में अडानी की मदद करने के लिए कर रहे हैं, जबकि उनके दाहिने हाथ का उपयोग पवन ऊर्जा खरीदने के लिए दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौते में प्रवेश करके फर्म की मदद करने के लिए किया जाता है.
उन्होंने कहा, इस रिश्ते का ही यह नतीजा है कि विजयन के खिलाफ जांच में कोई प्रगति नहीं हुई है. इसके साथ ही यह भी संदेह से परे साबित हुआ कि मोदी और विजयन के बीच अडानी एक महत्वपूर्ण सेतु हैं. बहरहाल, विजयन ने इसे निराधार बताते हुए कहा, मैं चेन्निथला की टिप्पणी पर हतप्रभ हूं. मुझे लगता है कि उनके साथ कुछ गंभीर समस्या है.
जनता की कसौटी पर खरा उतरने की कोशिश में चेन्नीथला
आपको बता दें कि कांग्रेस में एके एंटनी और ओमन चांडी जैसे दिग्गजों के बाद रमेश चेन्नीथला के लिए जनता की कसौटी पर खुद को साबित करने की सबसे बड़ी चुनौती है. चुनाव के दरम्यान केरल में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के असंतोष और अंदरूनी उठापटक की बातें रमेश चेन्नीथला की इस चुनौती को कहीं ज्यादा बढ़ाती दिख रही हैं. रमेश चेन्नीथला को कांग्रेस पार्टी ने इस बार केरल में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. इस जिम्मेदारी को उन्होंने भली-भांति निभाया है.
1982 के बाद चुनाव नहीं हारे चेन्नीथला
राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए 6 अप्रैल को मतदान होना है. पार्टी ने इस बार उन्हें अलप्पुझा के हरिपद सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. हरिपद कांग्रेस का गढ़ नहीं है, लेकिन 64 वर्षीय चेन्नीथला 1982 में पहली बार यहां से चुनाव लड़ने के बाद कभी हारे नहीं हैं. कांग्रेस नेता यहां से 1982, 1987, 2011 और 2016 में चुनकर विधानसभा गए हैं. एक बार फिर से वे कांग्रेस की टिकट पर इसी सीट से अपना पर्चा दाखिल कर चुके हैं.
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