NCTE ने 4 साल के ITEP प्रोग्राम के लिए लांच किया पोर्टल
इस एकीकृत पाठ्यक्रम से छात्रों को लाभ होगा, क्योंकि वे वर्तमान बी.एड योजना के लिए आवश्यक प्रथागत पांच वर्षो के बजाय इसे चार वर्षों में पूरा करके एक वर्ष की बचत करेंगे.
highlights
- 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित
- पाठ्यक्रम पूरे शिक्षक शिक्षा क्षेत्र के पुनरोद्धार में महत्वपूर्ण योगदान देगा
नई दिल्ली:
अध्यापक शिक्षण संस्थानों (टीईआई) के शिक्षक शिक्षा पाठ्यक्रमों को प्रभावी बनाने के लिए रविवार को एक ऑनलाइन पोर्टल लॉन्च किया गया है. नए लॉन्च किए गए इस पोर्टल पर 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) की प्रक्रिया की जाएगी. शिक्षा मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) द्वारा संस्थानों का निरीक्षण सहित पाठ्यक्रम के लिए आवेदन आमंत्रित करने व मान्यता आदेश जारी करने के लिए भी यह पोर्टल है. शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, यह पोर्टल एनसीटीई के कामकाज में एक बड़ा बदलाव लाएगा. इसका उद्देश्य एक स्वचालित मजबूत ढांचा प्रदान करना है, जिससे जवाबदेही, पारदर्शिता और कारोबारी सुगमता बढ़े.
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, वेबसाइट के 'एडमिन लॉग इन' के माध्यम से एनसीटीई द्वारा इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया की जा सकेगी. हितधारकों को ऑनलाइन निरीक्षण के लिए एनसीटीई की वेबसाइट पर वीटी पोर्टल का उपयोग करना होगा. गौरतलब है कि राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आईटीईपी) के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए हैं. यह आवेदन शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए हैं. आईटीईपी एक दोहरी-वृहद समग्र स्नातक डिग्री है, जो बीए-बीएड, बीएससी-बीएड और बीकॉम-बीएड पाठ्यक्रम उपलब्ध कराता है.
4 वर्षीय आईटीईपी उन सभी छात्रों के लिए उपलब्ध होगा, जो माध्यमिक के बाद अध्यापन को एक पेशे के रूप में पसंद करते हैं. इस एकीकृत पाठ्यक्रम से छात्रों को लाभ होगा, क्योंकि वे वर्तमान बी.एड योजना के लिए आवश्यक प्रथागत पांच वर्षो के बजाय इसे चार वर्षों में पूरा करके एक वर्ष की बचत करेंगे. केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का मानना है कि 4 वर्षीय आईटीईपी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्रमुख आदेशों में से एक को पूरा करने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. यह पाठ्यक्रम पूरे शिक्षक शिक्षा क्षेत्र के पुनरोद्धार में महत्वपूर्ण योगदान देगा. भारतीय मूल्यों और परंपराओं के आधार पर बहु-विषयक वातावरण के माध्यम से इस पाठ्यक्रम को पूरा करने वाले भावी शिक्षकों को वैश्विक मानकों पर 21वीं सदी की जरूरतों के साथ जोड़ा जाएगा. इस प्रकार वे भारत के भविष्य को आकार देने में काफी हद तक सहायक होंगे.
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