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बीसीसीआई के विरोध में बोले सचिन, डीआरएस एक सकारात्मक कदम

दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भारत में डीआरएस लागू करने को सकारात्मक कदम करार दिया।

Updated on: 15 Nov 2016, 01:00 PM

highlights

  • सचिन ने किया डीआरएस सिस्टम का सपोर्ट
  • लंबे समय बाद बीसीसीआई कर रही है डीआरएस का प्रयोग
  • भारत-इंग्लैंड सीरीज़ में ट्रायल के तौर पर हो रहा है प्रयोग

नई दिल्ली:

दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भारत में डीआरएस लागू करने को सकारात्मक कदम करार दिया। सचिन ने कहा कि बीसीसीआई अगर बदले तकनीक से संतुष्ट हैं तो वह इसे स्थायी तौर पर अपना सकता है। साथ ही सचिन ने डीआरएस का समर्थन करते हुए कहा कि इसे पूरे विश्व में समान तौर पर प्रयोग में लाना चाहिए।

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बीसीसीआई लंबे समय से निर्णय समीक्षा प्रणाली(डीआरएस) का विरोध करता रहा है। लेकिन इंग्लैंड के खिलाफ चल रही वर्तमान टेस्ट सीरीज में डीआरएस को ट्रायल के तौर पर उपयोग किया जा रहा है। तेंदुलकर ने डीआरएस लागू करने के मुद्दे पर कहा कि यदि बीसीसीआई ने इसका अच्छी तरह से अध्ययन किया और वे इससे (डीआरएस में संशोधन) संतुष्ट हैं, तो फिर क्यों नहीं। मुझे लगता है कि यह सकारात्मक कदम है।

सचिन ने आगे कहा, 'दुनिया में हर जगह एक जैसी तकनीक होनी चाहिए क्योंकि मैंने पाया कि दुनिया के किसी हिस्से में स्निकोमीटर तो अन्य हिस्से में हॉटस्पाट का उपयोग किया जाता है। इसमें समानता नहीं है'।

'जब आप टेस्ट क्रिकेट खेलते हो तो कुछ चीजें जो दुनिया में हर जगह एक जैसी होनी चाहिए और जब डीआरएस क्रिकेट का हिस्सा बन गया है, तो फिर यह विश्व भर में हर जगह एक जैसा होना चाहिए'।

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तेंदुलकर ने कहा कि डीआरएस का संबंध सीधे तौर पर फैसले सही करना है। उन्होंने कहा, 'यदि बल्लेबाज (रेफरल) के लिये नहीं कहता है और अंपायर आउट दे देता है और रीप्ले में दिखता है कि गेंद लेग से बाहर की तरफ जा रही थी तो मुझे लगता कि ऐसे में तीसरे अंपायर का हस्तक्षेप करना गलत नहीं होगा'।