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ट्राई का बड़ा फैसला, मोबाइल और लैंडलाइन पर अब इतने सेकंड बजेगी घंटी

ट्राई ने आदेश दिया है कि मोबाइल कंपनियां कॉल रिंग टाइमिंग सेट करें. ट्राई ने मोबाइल के लिए कॉल रिंग टाइम 30 सेकंड और लैंडलाइन फोन के लिए 60 सेकंड तय की है.

Updated on: 01 Nov 2019, 08:21 PM

नई दिल्ली:

क्या आपको पता है कि आपके मोबाइल पर कितने सेकंड के लिए रिंग होता है. नहीं ना...क्योंकि आप इसपर ध्यान नहीं देते होंगे. लेकिन अब दूरसंचार विनियामक ट्राई (TRAI) ने शुक्रवार को फोन कॉल रिंग टाइम को लेकर समयसीमा तय कर दी है. ट्राई ने आदेश दिया है कि मोबाइल कंपनियां कॉल रिंग टाइमिंग सेट करें. ट्राई ने मोबाइल के लिए कॉल रिंग टाइम 30 सेकंड और लैंडलाइन फोन के लिए 60 सेकंड तय की है.

मतलब मोबाइल यूजर अगर कॉल का उत्तर नहीं देता है या उसे रिजेक्ट नहीं करता है तो मोबाइल पर 30 सेकंड तक और लैंडलाइन पर 60 सेकंड तक घंटी बजेगी. इसके बाद वो कट जाएगा.

शुक्रवार को ट्राई ने बेसिक टेलीफोन सर्विस और सेल्‍यूलर मोबाइल टेलीफोन सर्विस के लिए सेवा के गुणवत्‍ता मापदंड में संशोधन करते हुए कहा कि इनकमिंग वॉयस कॉल के लिए घंटी बजने का समय तय किया.

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बता दें कि अभी तक भारत में इनकमिंग कॉल्‍स के लिए घंटी बजने की कोई सीमा तय नहीं थी. रिलायंस जियो ने भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया सहित सभी पुराने दूरसंचार सेवाप्रदाताओं पर आरोप लगाया था कि आईयूसी की अवैध वसूली के लिए ये कंपनियां फिक्सड लाइन नंबर को गलत तरीके से मोबाइल नंबर के रूप में उपयोग कर रही हैं. जियो ने ट्राई से इन कंपनियों पर जुर्माना लगाने और लाइसेंस रद्द करने की मांग की थी.

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वहीं एयरटेल ने पलटवार करते हुए जियो पर ट्राई को भ्रमित करने का आरोप लगाया था. एयरटेल ने कहा- कॉल कनेक्ट चार्ज (इंटरकनेक्ट उपयोग चार्ज) लागू होने से पहले जियो ने ऐसा किया है. दूरसंचार सेवाप्रदाताओं ने खुद इनकमिंग कॉल की घंटी बजने के समय में कटौती कर दी थी. ऐसा करके वह दूसरे नेटवर्क के उपभोक्ता से वापस कॉल (कॉल बैक) कराने की रणनीति पर काम कर रही थीं, ताकि उन्हें फायदा हो सके.

ट्राई से मिली जानकारी के मुताबिक 28 फरवरी 2018 से लेकर 31 अगस्त 2019 तक एयरसेल के करीब 19 मिलियन लोगों ने अपना नंबर पोर्ट कराया. बाकी सात करोड़ लोगों को 31 अक्टूबर से पहले नंबर पोर्ट कराना होगा.