Evergrande Crisis क्या है? सिर्फ एक दिन में दुनिया के 500 बड़े अमीरों के 10,000,00 करोड़ रुपये डूबे
एवरग्रांड संकट (Evergrande Crisis): दुनियाभर के दिग्गज कारोबारियों को इस संकट की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ा है. यहां तक कि जेफ बेजोस, वॉरेन बफे और एलन मस्क आदि भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं.
highlights
- 1996 में बोतलबंद पानी बेचने की कंपनी के तौर पर एवरग्रैंड की शुरुआत हुई थी
- सिर्फ एक दिन में दुनिया के 500 बड़े अमीरों के 10 लाख करोड़ रुपये डूबे
नई दिल्ली:
एवरग्रांड संकट (Evergrande Crisis): हाल के दिनों में पूरी दुनिया में एवरग्रांड संकट चर्चा में है और हो भी क्यों ना. अकेले इस संकट की वजह से सिर्फ एक दिन में दुनिया के 500 बड़े अमीरों के 10 लाख करोड़ रुपये जो डूब चुके हैं. दुनियाभर के दिग्गज कारोबारियों को इस संकट की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ा है. यहां तक कि जेफ बेजोस, वॉरेन बफे और एलन मस्क आदि भी इससे अछूते नहीं रह गए हैं. चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक एवरग्रांड के भारी कर्ज में डूबने के चलते संकट पैदा हो गया है जिसकी वजह से दुनियाभर में कारोबारी माहौल को चिंता में डाल दिया है. जानकारों का अनुमान है कि एवरग्रांड संकट की वजह से स्थितियां और बिगड़ने का खतरा बना हुआ है. इन सब स्थितियों को देखते हुए हम सभी के लिए यह जानना जरूरी हो गया है कि आखिर यह एवरग्रांड संकट है क्या और इसके क्या दूरगामी परिणाम हो सकते हैं.
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1996 में बोतलबंद पानी बेचने की कंपनी के तौर पर हुई थी शुरुआत
जानकारों का कहना है कि चीन की सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में से एक Evergrande के दिवालिया होने का खतरा पैदा हो गया है. दरअसल, कंपनी बैंकों के भारी भरकम कर्ज को चुकाने में नाकाम साबित हो रही है. बता दें कि Evergrande चीन की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी है और मौजूदा समय में यह कंपनी 280 से ज्यादा शहरों में काम कर रही है. मौजूदा समय में कंपनी के पास 1,300 बड़े प्रोजेक्ट हैं. बता दें कि 1996 में बोतलबंद पानी बेचने की कंपनी के तौर पर एवरग्रैंड की शुरुआत हुई थी. कंपनी ने रियल एस्टेट के धंधे में उतरने के बाद मध्यमवर्गिय लोगों के लिए जबर्दस्त स्कीमें पेश की और समय बीतने के साथ ही यह चीन की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक बन गई. यही नहीं Evergrande के पास चीन की एक प्रोफेशनल फुटबॉल टीम ग्वांगझू फुटबॉल क्लब का मालिकाना हक है.
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन ने इस साल डिजिटल इकोनॉमी और डिजिटल एजुकेशन जैसे सेक्टर्स पर पाबंदियां लगाईं तो उस समय रियल एस्टेट सेक्टर में भी डर फैल गया. दरअसल, रियल एस्टेट सेक्टर में इस बात का डर फैल गया कि चीन कर्ज की सीमा को सीमित करने के लिए सीलिंग तय कर सकता है. बता दें कि पिछले साल भी चीन की सरकार ने रियल एस्टेट मालिकों के लिए कुछ नियम बनाए थे जिसके तहत उनको मिलने वाले कर्ज के ऊपर नियंत्रण लगाया जाना तय किया गया था. यही वजह थी कि Evergrande ने अपने कारोबार की बिक्री शुरू कर दी थी. साथ ही कोविड महामारी की वजह से कंपनी को अपनी सपंत्तियों को काफी सस्ती कीमतों पर बेचना पड़ा था.
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