RBI Credit Policy: खुशखबरी, आम आदमी को मिल सकती है सस्ते लोन की सौगात
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बुधवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा (Credit Policy) में लगातार चौथी बार ब्याज दर में चौथाई फीसदी की कटौती कर सकता है.
highlights
- RBI बुधवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा जारी करेगा
- क्रेडिट पॉलिसी में नीतिगत दर में लगातार चौथी बार 0.25 फीसदी की कटौती की संभावना
- MPC की बैठक 5 से 7 अगस्त तक, इस समय रिजर्व बैंक का रेपो रेट 5.75 फीसदी
नई दिल्ली:
RBI Credit Policy: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बुधवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा जारी करेगा. क्रेडिट पॉलिसी में नीतिगत दर में लगातार चौथी बार 0.25 फीसदी की कटौती होने की संभावना है. जानकारों के मुताबिक अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेतों के बीच केंद्रीय बैंक एक बार फिर रेपो रेट में कटौती कर सकता है. उद्योग जगत को उम्मीद है रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुआई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) प्रणाली में नकदी की स्थिति में सुधार और ब्याज दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कदम उठा सकती है.
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5 से 7 अगस्त तक होगी MPC की बैठक
MPC की बैठक 5 से 7 अगस्त तक तीन दिन चलेगी. इस समय रिजर्व बैंक का रेपो रेट 5.75 फीसदी है. दिसंबर 2018 में शक्तिकांत दास के रिजर्व बैंक गवर्नर का पदभार संभालने के बाद पहली बार फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में 0.25 फीसदी कटौती की गई. उसके बाद चार अप्रैल 2019 को और फिर छह जून को हुई मौद्रिक नीति समीक्षा में 0.25 फीसदी कटौती की गई.
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CRR में 0.50 की कटौती होनी चाहिए
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के मुताबिक रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कटौती का चक्र फरवरी 2019 से शुरू किया था. हालांकि उपभोक्ताओं तक फिलहाल ब्याज दरों में कटौती का लाभ काफी धीमी गति से मिल पा रहा है. CII ने कहा कि रिजर्व बैंक को नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में आधा फीसदी की कटौती करनी चाहिए. CII का मानना है कि इससे प्रणाली में 60 हजार करोड़ रुपये की नकदी उपलब्ध होगी.
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वृद्धि दर को प्रोत्साहन के लिए सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने की जरूरत
उद्योग मंडल एसोचैम (Assocham) ने कहा कि वृद्धि दर को प्रोत्साहन के लिए सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने की जरूरत है. सस्ते कर्ज की वजह से भविष्य में निवेश में बढ़ोतरी होगी. चूंकि अभी महंगाई नियंत्रण में है, ऐसे में ब्याज दरों में कटौती का लाभ तेजी से ग्राहकों को स्थानांतरित किया जाना चाहिए. एसोचैम ने कहा कि एनबीएफसी के नकदी के संकट को दूर करते हुए ब्याज दर में कटौती से आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन मिलेगा. इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ेगा और यात्री एवं वाणिज्यिक वाहनों की मांग में इजाफा होगा. (इनपुट PTI)
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