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जापानी फाइनेंशियल फर्म नोमुरा का अनुमान, चौथी तिमाही में जीडीपी 6.7% की दर से बढ़ेगी

जापान की फाइनेंशियल सर्विस कंपनी नोमुरा ने भारत के जीडीपी अनुमान में कमी का अंदेशा जाहिर किया है। वित्त वर्ष 2017 में जनवरी से मार्च के दौरान चौथी तिमाही में जीडीपी अनुमान 6.7 प्रतिशत घोषित किया है।

Updated on: 22 Mar 2017, 02:34 PM

highlights

  • जापान की फाइनेंशियल सर्विस फर्म नोमुरा ने जीडीपी अनुमान में कमी का अनुमान लगाया
  • 2016-17 की चौथी तिमाही में जीडीपी अनुमान 6.7 प्रतिशत घोषित किया है
  • नोमुरा के मुताबिक नोटबंदी के बाद आर्थिक गतिविधियों को पटरी पर लौटने में समय लगना बाकी है

 

 

नई दिल्ली:

जापान की फाइनेंशियल सर्विस कंपनी नोमुरा ने भारत के जीडीपी अनुमान में कमी का अंदेशा जाहिर किया है। वित्त वर्ष 2017 में जनवरी से मार्च के दौरान चौथी तिमाही में जीडीपी अनुमान 6.7 प्रतिशत घोषित किया है।

नोमुरा के मुताबिक नोटबंदी के बाद झटका खाई भारत की आर्थिक गतिविधियों को अभी पटरी पर आने में और थोड़ा समय लगेगा। नोमुरा के मुताबिक हालांकि नोटबंदी से पड़े नकारात्मक प्रभाव ख़त्म होने को हैं, विकास की दर में धीमी बढ़ोतरी हो रही है लेकिन यह भी भी व्यापक नहीं है।

नोमुरा की रिसर्च रिपोर्ट में लिखा है, ' हमें वित्त वर्ष 2016-17 की अक्टूबर-दिसंबर की तीसरी तिमाही में दर्ज 7 प्रतिशत की जीडीपी दर के मुकाबले जनवरी-मार्च की चौथी तिमाही में विकास दर 6.7 प्रतिशत होने का अनुमान है, क्योंकि आर्थिक गतिविधियों के अभी भी नोटबंदी से पहले के स्तर पर लौटना बाकी है।'

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रिपोर्ट में कहा गया है, 'हमें 2017-18 की दूसरी तिमाही तक विकास दर 7.3 प्रतिशत पर लौटने का अनुमान है जबकि 2018 में 7.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है।'

इस बीच नोमुरा आरबीआई पॉलिसी सिंग्नल इंडेक्स यानि NRPSI मार्च में बढ़कर 0.08 प्रतिशत हो गया जोकि इससे पहले महीने फरवरी में 0.01 प्रतिशत था। नोमुरा आरबीआई पॉलिसी सिग्नल इंडेक्स केंद्रीय बैंक की पॉलिसी फैसलों की समीक्षा करता है।

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रिपोर्ट के मुताबिक, 'एनआरपीएसआई के आंकड़ों में वृद्धि बताती है कि अगला कदम में बढ़ोतरी होगी हालांकि यह तुरंत नहीं होगी सीपीआई मुद्रास्फिती में बढ़त, बेहतर एक्सोर्ट आंकड़ें और अमेरिकी ब्याज दरों के मुकाबले कम अंतर होना, इनसे ब्याज दरों में कटौती न होने की उम्मीद जगती है और ब्याज दरों में बढ़ोतरी होने का अनुमान मिलता है।'

8 फरवरी को हुई पॉलिसी रिव्यू मीटिंग में आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव न करने का फैसला किया था। केंद्रीय बैंक ने तब मुद्रास्फीति दरों की स्थिति में और स्थिति साफ होने और नोटबंदी के कदम का अर्थव्यवस्था पर पड़े असर के बाद ब्याज दरों पर फैसला लेने की बात कही थी।

रिज़र्व बैंक की अगली मॉनिटरी पॉलिसी 5-6 अप्रैल को होगी।

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