पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन का बड़ा बयान, और भी बदतर हो सकती है भारतीय अर्थव्यवस्था
पूर्व आरबीआई गवर्नर राजन ने अपने लिंक्डइन पेज पर एक पोस्ट के जरिए आशंका जताई है कि इनफॉर्मल सेक्टर के आंकड़े जारी होने के बाद अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आ सकती है.
नई दिल्ली:
रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के पूर्व गवर्नर एवं अर्थशास्त्री रघुराम राजन (Former RBI Chief Raghuram Rajan) ने भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को लेकर बड़ा बयान जारी किया है. पूर्व आरबीआई गवर्नर राजन ने अपने लिंक्डइन
पेज पर एक पोस्ट के जरिए आशंका जताई है कि इनफॉर्मल सेक्टर के आंकड़े जारी होने के बाद अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट आ सकती है. उन्होंने लिखा है कि अमेरिका और इटली के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था में ज्यादा गिरावट है. उन्होंने कहा कि अमेरिका और इटली कोरोना वायरस महामाही से प्रभावित होने वाले प्रमुख देश हैं.
यह भी पढ़ें: अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए पी चिदंबरम ने मोदी सरकार को दिए ये सुझाव
केंद्र सरकार की मौजूदा राहत आर्थिक सुधार के लिए काफी नहीं: रघुराम राजन
उनका कहना है कि कोरोना वायरस पर जब तक लगाम नहीं लग जाता है तब तक भारत की विवेकाधीन खर्च (Discretionary Spending) की स्थिति कमजोर बनी रह सकती है. राजन ने आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक जो राहत दी है वह आर्थिक सुधार के लिए काफी नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा समय में संसाधनों को बचाने की रणनीति पर काम कर रही है ताकि भविष्य में राहत पैकेज जारी किया जा सके. यह पूरी तरह से आत्मघाती है. उन्होंने कहा कि भारत के सरकारी अधिकारी स्थिति का काफी कम करके आंक रहे हैं और जबतक स्थिति समझ में आएगी तबतक काफी देर हो चुकी होगी.
यह भी पढ़ें: हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोने-चांदी में क्या रणनीति बनाएं निवेशक, जानिए यहां
राजन का कहना है कि अर्थव्यवस्था को एक मरीज की तरह देखा जाना चाहिए और उसे अभी इलाज की जरूरत है. उन्होंने कहा कि राहत के अभाव में छोटी और मझोली कंपनियां अपने कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थ रहेंगी. उन कंपनियों के ऊपर कर्ज लगातार बढ़ रहा है और आखिर में उन्हें अपना परिचालन बंद करना पड़ जाएगा. उनका कहना है कि जबतक कोरोना वायरस पर काबू पाया जाएगा तक तक अर्थव्यवस्था पूरी तरह से डूब जाएगी. बता दें कि चालू वित्त वर्ष 2020-21 में अप्रैल-जून के दौरान अथर्व्यवस्था (GDP) में 23.9 प्रतिशत की अब तक की सबसे बड़ी तिमाही गिरावट देखने को मिली है. पिछली तिमाही के दौरान कृषि को छोड़कर विनिर्माण, निर्माण और सेवा समेत सभी क्षेत्रों का प्रदर्शन खराब रहा है दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में इससे पहले जनवरी-मार्च तिमाही में 3.1 प्रतिशत और पिछले साल अप्रैल-जून में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Weekly Horoscope 29th April to 5th May 2024: सभी 12 राशियों के लिए नया सप्ताह कैसा रहेगा? पढ़ें साप्ताहिक राशिफल
-
Varuthini Ekadashi 2024: शादी में आ रही है बाधा, तो वरुथिनी एकादशी के दिन जरूर दान करें ये चीज
-
Puja Time in Sanatan Dharma: सनातन धर्म के अनुसार ये है पूजा का सही समय, 99% लोग करते हैं गलत
-
Weekly Horoscope: इन राशियों के लिए शुभ नहीं है ये सप्ताह, एक साथ आ सकती हैं कई मुसीबतें