पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों से बढ़ी आर्थिक चुनौतियां और संसाधन का संकट: पीएम मोदी
नीति आयोग द्वारा आयोजित बैठक में ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से पड़ने वाले असर पर चर्चा की गई.
नई दिल्ली:
कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों के उछाल के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तेल उत्पादकों और उपभोक्ता देशों के बीच भागीदारी के संबंध पर जोर दिया है ताकि वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिल सके. मोदी ने तेल उत्पादक देशों से भी अपील की है कि वे अपने निवेश योग्य अधिशेष को विकासशील देशों के तेल क्षेत्र में वाणिज्यिक लाभ के लिए लगायें. प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है. मोदी ने सोमवार को राजधानी में तेल एवं गैस क्षेत्र की देशी-विदेशी कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों के साथ बातचीत के दौरान ये सुझाव दिए.
प्रधानमंत्री ने बातचीत तेल एवं गैस बाजार में भारत की उल्लेखनीय स्थिति का उल्लेख भी किया. उन्होंने कहा कि तेल बाजार फिलहाल उत्पादकों के हिसाब से चल रहा है. कच्चे तेल के उत्पादन की मात्रा और उसका मूल्य उत्पादक देश ही तय करते हैं.
पीएमओ के बायान में कहा गया है, 'हालांकि, बाजार में उत्पादन पर्याप्त मात्रा में हो रहा है, लेकिन तेल क्षेत्र में विपणन के विशेष तौर तरीकों से तेल के दाम चढ़ गए हैं. प्रधानमंत्री ने दूसरे बाजारों की तरह कच्चे तेल के बाजार में उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच मजबूत भागीदारी स्थापित किए जाने पर जोर दिया है. इससे नरमी से उबर रही वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्थिरता आयेगी.'
प्रधानमंत्री ने बातचीत में भारत के लिहाज से कुछ खास नीतिगत मुद्दों की का तरफ विशेषज्ञों का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के उपभोक्ता देशों को कच्चे तेल के ऊंचे दाम की वजह से कई तरह की आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके समक्ष संसाधनों की गंभीर तंगी खड़ी हो रही है.
वक्तव्य में कहा गया है, 'इस फासले को भरने के लिये तेल उत्पादक देशों का सहयोग काफी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि तेल उत्पादक देशों को अपने पास उपलबध निवेश योग्य बचतों को विकासशील देशों में तेल क्षेत्र में वाणिज्यिक लाभ के लिए लगाना चाहिये.'
उन्होंने देश में तेल, गैस खोज के क्षेत्र में अधिक क्षेत्रों में चल रहे कार्य की तरफ भी ध्यान आकृष्ट किया और इनमें प्रौद्योगिकी और विस्तार के क्षेत्र में विकसित देशों से सहयोग का आह्वान किया. उन्होंने गैस क्षेत्र में वितरण नेटवर्क में निजी भागीदारी का भी जिक्र किया.
इस बैठक में सउदी अरब और यूएई के मंत्री तथा आरामको, एडीएनओसी, बीपी, रास्नेफ्ट, आईएचएस मार्किट, पायनीयर नेचुरल रिसोर्सिज कंपनी, एतसन इलेक्ट्रिक कंपनी, टेलूरियन मुबाडला इन्वेस्टमेंट कंपनी सहित तेल खेत्र की कई कंपनियों के सीईओ और विशेषज्ञ शामिल हुये.
इनके अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली, पेट्रलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार और सरकार तथा नीति आयोग के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.
और पढ़ें- #MeToo एमजे अकबर पहुंचे कोर्ट, महिला पत्रकार के खिलाफ दायर किया आपराधिक मानहानि का केस
बातचीत के दौरान बैठक में शामिल विशेषज्ञों ने खासकर ऊर्जा क्षेत्र में कारोबार सुगमता के लिये उठाये गये कदमों की सराहना की.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Arti Singh Wedding: आरती की शादी में पहुंचे गोविंदा, मामा के आने पर भावुक हुए कृष्णा अभिषेक, कही ये बातें
-
Lok Sabha Election 2024: एक्ट्रेस नेहा शर्मा ने बिहार में दिया अपना मतदान, पिता के लिए जनता से मांगा वोट
-
Arti Singh Wedding: सुर्ख लाल जोड़े में दुल्हन बनीं आरती सिंह, दीपक चौहान संग रचाई ग्रैंड शादी
धर्म-कर्म
-
Vaishakh month 2024 Festivals: शुरू हो गया है वैशाख माह 2024, जानें मई के महीने में आने वाले व्रत त्योहार
-
Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया पर बनेगा गजकेसरी योग, देवी लक्ष्मी इन राशियों पर बरसाएंगी अपनी कृपा
-
Pseudoscience: आभा पढ़ने की विद्या क्या है, देखते ही बता देते हैं उसका अच्छा और बुरा वक्त
-
Eye Twitching: अगर आंख का ये हिस्सा फड़क रहा है तो जरूर मिलेगा आर्थिक लाभ