Budget 2021: पिछले बजट में आयकरदाताओं को ज्यादा राहत देने की हुई थी कोशिश
Budget 2021: निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी तीसरी बार आम बजट (Union Budget 2021-22) पेश करेंगी. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था.
नई दिल्ली :
Budget 2021: केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का तीसरा बजट 1 फरवरी 2021 को पेश करने जा रही है. 2020 के बजट में व्यक्तिगत करदाताओं को पर्याप्त राहत देने और आयकर कानूनों को सरल बनाने के लिए वित्त मंत्री ने एक नई और सरलीकृत व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव किया था. केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी तीसरी बार आम बजट (Union Budget 2021-22) पेश करेंगी. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था.
वित्त मंत्री ने 2020 के बजट में कहा था कि उन्होंने विगत अनेक दशकों में आयकर कानून में समाविष्ट की गई सभी छूटों और कटौतियों की समीक्षा की. वर्तमान में आयकर अधिनियम में विभिन्न प्रकृति की एक सौ से अधिक और कटौतियां प्रदान की गई हैं. उन्होंने कहा था कि मैंने नई सरलीकृत व्यवस्था में इनमें से लगभग 70 को हटा दिया गया है.
2020 के बजट में नई कर व्यवस्था करदाताओं के लिए वैकल्पिक रहने का प्रस्ताव दिया गया था. जो व्यक्ति वर्तमान में आयकर अधिनियम के तहत और अधिक कटौती और छूट ले रहा हो, उनका लाभ उठाने का विकल्प दे सकता है और पुरानी व्यवस्था में कर का भुगतान जारी रख सकता है. नई व्यक्तिगत आयकर दरों के लिए प्रति वर्ष 40,000 करोड़ रुपये का अनुमानित परित्यक्त राजस्व आवश्यकता होगा. आयकर विवरणी को समय पूर्व करने के उपाय भी शुरू किए गए हैं, ताकि नई व्यवस्था का विकल्प देने वाले व्यक्ति को अपनी विवरणी दायर करने और आयकर देने में किसी विशेषज्ञ की सहायता की आवश्यकता नहीं होगी.
2020 के बजट में नई व्यवस्था में उसका कर बोझ 78,000 रुपये कम होगा. वह नई व्यवस्था में तब भी लाभ में रहेगा भले ही वह पुरानी व्यवस्था के तहत आयकर अधिनियम के अध्याय VI-क की विभिन्न धाराओं के तहत 1.5 लाख रुपये की कटौती ले रहा हो.
वित्त मंत्री ने 2020 के बजट में व्यक्तिगत करदाताओं को पर्याप्त राहत देने और आयकर कानूनों को सरल बनाने के लिए एक नई और सरलीकृत व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था बनाने का प्रस्ताव किया था, जहां उन व्यक्तिगत करदाताओं के लिए आयकर दरों को पर्याप्त रूप से कम किया जाएगा, जो कतिपय कटौतियों और छूटों का त्याग करता है. अधिभार एवं उपकर मौजूदा दरों पर जारी रहेंगे.
पिछले बजट में नई कर व्यवस्था में किसी करदाता द्वारा दावा की गई छूटों और कटौतियों के आधार पर उसे पर्याप्त कर लाभ मिलने की बात कही गई थी. उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति एक वर्ष में 15 लाख रुपये अर्जित करता है और किसी कटौती का लाभ नहीं उठा रहा, तो उसे पुरानी व्यवस्था में 2,73,000 रुपये देने होते जबकि अब उसे मात्र 1,95,000 रुपये का भुगतान करना होगा.
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