Main entrance of the house: किस दिशा में होना चाहिए घर का main दरवाजा, ऐसे करें तय
Main entrance of the house: घर का मुख्य द्वार उसकी उपयोगिता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है. इसलिए, उसकी सही दिशा का चयन भी विशेष महत्व रखता है. वेस्ट और उत्तर दिशा घर के मुख्य द्वार के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय और शुभ मानी जाती है.
नई दिल्ली:
Main entrance of the house: सही दिशा का चयन
घर का मुख्य द्वार उसकी उपयोगिता और सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण होता है. इसलिए, उसकी सही दिशा का चयन भी विशेष महत्व रखता है. वेस्ट और उत्तर दिशा घर के मुख्य द्वार के लिए सबसे अधिक लोकप्रिय और शुभ मानी जाती है. लेकिन यह निर्भर करता है कि आपके घर का मुख्य द्वार किस दिशा में है और आपके आस-पास के वास्तुशास्त्रीय नियमों क्या हैं. नीचे कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखकर घर के मुख्य द्वार के सही दिशा का चयन करने की विस्तृत जानकारी दी गई है:
1. समृद्धि और प्रवेश:
मुख्य द्वार उस दिशा में होना चाहिए जहां से सूर्य की किरणें अधिक आती हैं, जो उत्तम समृद्धि और स्थिरता को प्राप्त करने में मदद करती हैं. इसलिए, पश्चिम और उत्तर दिशा में स्थित मुख्य द्वार आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार के लिए शुभ माना जाता है.
2. सुरक्षा और संरक्षण:
मुख्य द्वार को ऐसी दिशा में स्थापित किया जाना चाहिए जो सुरक्षा और संरक्षण की दृष्टि से उत्तम हो. इसका मतलब है कि द्वार को सड़क के ऊपर नहीं, बल्कि उसके ऊपर होना चाहिए ताकि अनावश्यक लोग घर के अंदर आने से रोका जा सके.
3. धर्मिक और आध्यात्मिक महत्व:
कुछ लोग घर के मुख्य द्वार को पूर्व दिशा में स्थापित करना पसंद करते हैं, क्योंकि इसके अनुसार हिंदू धर्म में सूर्य की पूजा होती है और पूर्व दिशा को उदय की दिशा माना जाता है, जो आत्मा की ऊर्जा को जगाता है.
4. वास्तु शास्त्रीय सिद्धांत:
वास्तुशास्त्र के अनुसार, मुख्य द्वार को उस दिशा में स्थापित किया जाना चाहिए जो उत्तम स्थिरता और समृद्धि के लिए उपयुक्त हो. इसके लिए अधिकांश संदेश उत्तर और पश्चिम की दिशा में हैं.
5. आकर्षण और स्थान:
अक्सर, मुख्य द्वार को उस दिशा में स्थापित किया जाता है जो गली में सबसे आकर्षक और अधिक व्यापक हो. यह घर के सामाजिक और आर्थिक स्थिति को भी प्रभावित कर सकता है.
6. दृष्टि की दृष्टि से:
मुख्य द्वार को उस दिशा में स्थापित किया जाना चाहिए जो घर के मुख्य कमरे या अन्य महत्वपूर्ण कक्षों की दिशा में होता है, ताकि जब आप द्वार से बाहर निकलते हैं, तो आपको आराम और सुखद दृश्यों का आनंद मिले.
7. प्रवेश की सुविधा:
अन्य वास्तुशास्त्रीय दिशा को छोड़कर, मुख्य द्वार को ऐसी दिशा में स्थापित किया जाना चाहिए जो घर के अन्य सारे द्वारों और कमरों के साथ संगत हो. इससे प्रवेश की सुविधा मिलती है और लोगों को घर के अंदर जाने में कोई परेशानी नहीं होती.
8. समृद्धि की सिद्धि:
मुख्य द्वार को उस दिशा में स्थापित किया जाना चाहिए जो व्यापार, व्यापार, या अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए शुभ हो. इससे घर में समृद्धि और लाभ की सिद्धि होती है.
निष्कर्ष:
घर के मुख्य द्वार का सही दिशा का चयन करने में विभिन्न तत्वों को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है. इसका सही चयन घर के शुभ और सकारात्मक वातावरण को बढ़ावा देता है और घर के निवासियों को सुरक्षा, स्थायित्व, और समृद्धि की भावना देता है.
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