UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता का दावा मजबूत, एनल मस्क के समर्थन पर आई US की प्रतिक्रिया
UNSC: टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के भारत को यूएनएससी में स्थाई सदस्यता दिलाने के बयान का अब अमेरिका ने भी समर्थन किया है.
highlights
- UNSC में भारत की स्थाई सदस्यता को मिला समर्थन
- एलन मस्क के समर्थन में आया अमेरिका
- मस्क ने की थी भारत की सदस्यता की वकालत
नई दिल्ली:
UNSC: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता पाने के भारत की कोशिशों को अब और ताकत मिल रही है. दरअसल, टेस्ला प्रमुख एलन मस्क ने कुछ महीने पहले ही यूएनएससी में भारत की स्थाई सदस्यता के बारे में बात कही थी. उन्होंने कहा था कि भारत का सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य न होना बेतुका है. एलन मस्क के इस इस बयान के बाद अब अमेरिका ने भी उनका समर्थन किया है. इसके साथ ही अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में सुधार की मांग का समर्थन भी किया है. अमेरिका ने कहा है कि वॉशिंगटन भी चाहता है कि यूएन में सुधार हो, जिससे वह 21वीं सदी की सही तस्वीर पेश कर सके.
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वहीं अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रधान उप-प्रवक्ता वेदांत पटेल से बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूएनएससी में भारत की स्थाई सीट को लेकर टेस्ला के सीईओ एलन मस्क के बयान पर सवाल पूछा. इस पर उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने इस पर पहले भी बात की है. उन्होंने कहा कि यूएन के सचिव ने भी इसके बारे में जानकारी दी है. हम निश्चित तौर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद समेत यूएन निकायों में सुधार का समर्थन करते हैं. हालांकि इसके लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदमों के बारे में उन्होंने कहा कि इसे लेकर मेरे पास ज्यादा जानकारी नहीं है. पटेल ने कहा कि हमें लगता है कि इसमें सुधार की जरूरत है.
भारत को स्थाई सदस्यता न मिलने पर मस्क ने की थी टिप्पणी
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थाई सीट न मिलने पर एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट किया था. जिसमें उन्होंने कहा था कि, "कुछ पहलुओं पर सुधार की जरूरत है. समस्या यह है कि जिनके पास अधिक ताकत है, वह इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं. भारत के पास यूएन में स्थाई सीट नहीं है. सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद सुरक्षा परिषद में भारत को स्थाई सीट नहीं दी गई है. यह बेतुका है. अफ्रीका को भी एक स्थाई सीट दी जानी चाहिए."
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भारत की सदस्यता के लिए लंबे समय से हो रही मांग
बता दें कि भारत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र परिषद में स्थाई सदस्यता की मांग कर रहा है. जिससे वह विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व कर सके. 15 देशों से मिलकर बने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थाई देशों के पास वीटो पॉवर है. जबकि 10 अस्थाई देशों को दो साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है. इन पांच स्थाई देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस और चीन का नाम शामिल है.
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