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रूस से भारत की S-400 खरीद पर जानें क्या बोले US सांसद? ये हैं मिसाइल की खूबियां

भारत के रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर अमेरिका नई दिल्ली को आंखें दिखाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर भारत ने वाशिंगटन को स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए जो जरूरी होगा वो कदम उठाएगा.

Updated on: 07 Jul 2022, 06:53 PM

नई दिल्ली:

भारत के रूस से S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर अमेरिका नई दिल्ली को आंखें दिखाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन इस मुद्दे पर भारत ने वाशिंगटन को स्पष्ट कर दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए जो जरूरी होगा वो कदम उठाएगा. भारत ने अमेरिका के काटसा कानून (CATSAA) पर कहा है कि यह उनका कानून है और उन्हें ही इसपर फैसला करना है. इस बीच अमेरिकी सांसद रो खन्ना (Ro Khanna) ने काटसा कानून CAATSA से भारत के लिए छूट की सिफारिश की है. 

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न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय मूल के एक डेमोक्रेटिक कांग्रेसी खन्ना ने स्वीकार किया है कि भारत को अपनी रूसी-निर्मित हथियार प्रणाली को बनाए रखने की तत्काल आवश्यकता का सामना करना पड़ रहा है और सीएएटीएसए के तहत प्रतिबंधों में छूट अमेरिका और भारत के साथ उसकी रक्षा साझेदारी के सर्वोत्तम हित में है. आपको बता दें कि यूक्रेन युद्ध के चलते लगाए गए प्रतिबंधों के बीच रूस ने समय से पहले भारत को सतह से हवा में मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली S-400 की दूसरी स्क्वाड्रन की सप्लाई शुरू कर दी है. 

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जानें क्या हैं एस-400 रक्षा प्रणाली की खूबियां

  • अत्याधुनिक रडारों से यह प्रणाली लैस है, जो 100 से 300 टारगेट ट्रैक कर सकते हैं. 600 किमी तक की रेंज में आने वाले खतरों का पता लगा सकते हैं.
  • इसमें लगी मिसाइलें 30 किमी ऊंचाई और 400 किमी तक दूरी में एक साथ 36 टारगेट को भेद सकती हैं.
  • दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को यह एंटी-मिसाइल दागकर हवा में ही खत्म कर सकती है.
  • यह उपग्रहों से दुश्मनों पर नजर रखती है, इससे यह पता चलता है कि दुश्मन देश के लड़ाकू विमान कहां से हमला करने वाले हैं.
  • इसमें चार तरह की मिसाइल होती हैं. एक मिसाइल 400 किलोमीटर, दूसरी 250 किलोमीटर, तीसरी 120 किलोमीटर और चौथी 40 किलोमीटर की रेंज वाली होती है.