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Titanic: टाइटैनिक का मलबा देखने गए यात्रियों की मौत पर ओशन गेट ने जताया दुख, कही ये बात

टाइटैनिक जहाज का मलबा दिखाने पांच लोगों को लेकर गई पनडुब्बी का मलबा दिखने के बाद इसमें सवार सभी लोगों के मारे जाने की बात सामने आई है. अब ओशन गेट कंपनी ने भी यात्रियों के प्रति अपनी संवेदना जताई है.

Updated on: 23 Jun 2023, 10:06 AM

New Delhi:

Titan submersible search: अटलांटिक महासागर में टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गए पांचों यात्रियों की मौत गई है. टाइटैनिक का मलबा दिखाने ले जाने वाली कंपनी ओशन गेट ने भी इसकी पुष्टि कर दी है. इसके साथ ही कंपनी ने पांचों यात्रियों की मौत पर दुख जताया है. कंपनी की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि, हमें इन लोगों की जान जाने का बहुत दुख है. बता दें कि, ओशन गेट कंपनी की टाइटन नाम की एक पनडुब्बी साल 1912 में अटलांटिक महासागर में डूबे टाइटैनिक जहाज के मलबे को दिखाने ले गई थी. जिसमें पांच लोग सवार थे. ये पनडुब्बी रविवार सुबह रवाना हुई थी, लेकिन कुछ ही घंटे बाद इसका संपर्क टूट गया. उसके बाद ही से ही इस पनडुब्बी की लगातार तलाश की जा रही थी. आखिर में टाइटैनिक जहाज के हमले पार इसका भी मलबा देखा गया. 

कंपनी के मालिक ने जताई संवेदना

पनडुब्बी के मालिक ने कहा कि यात्री सच्चे खोजकर्ता थे. उनमें साहस और महासागरों की खोज के लिए जुनून था. इस दुखद समय में मृतकों के परिवार के साथ हमारी संवेदनाएं हैं. उन्होंने कहा कि हमें इसका दुख है. गौरतलब है कि इस पनडुब्बी में सवार लोगों के पास सिर्फ 96 घंटे यानी चार दिन की ऑक्सीजन थी. लेकिन अभियान में 96 घंटे से ज्यादा का समय बीत चका है जिससे पनडुब्बी में ऑक्सीजन खत्म हो गई थी.

टाइटैनिक के पास मिला पनडुब्बी का मलबा

बता दें कि एक दिन पहले ही अमेरिकी तटरक्षक ने बताया था कि जहां टाइटैनिक का मलबा है, वहीं पनडुब्बी का मलबा मिला है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि यह मलबा लापता पनडुब्बी का ही है या नहीं. गुरुवार को अधिकारियों ने ट्वीट कर कहा कि अधिकारी जानकारी का मूल्यांकन कर रहे हैं.

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ये पांच लोग सवार थे ओशन गेट की पनडब्बी में

टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने गई ओशन गेट की पनडुब्बी में पांच लोग सवार थे. इस पनडुब्बी की क्षमता सिर्फ पांच लोगों लायक ही थी. इसमें सवार यात्रियों में एक यात्री ब्रिटिश व्यवसायी हैं जिनका नाम हामिश हार्डिंग (58) नाम भी शामिल है. बता दें कि हामिश हार्डिंग वही शख्स थे, जिन्होंने नामीबिया से चीता लाने की परियोजना में भारत सरकार की मदद की थी. इसके अलावा इस पनडुब्बी में कंपनी के सीईओ स्टॉकटन रश, पॉल-हेनरी नार्जियोलेट, पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश व्यवसायी शहजादा दाऊद और उनका बेटा सुलेमान भी शामिल है. शहजादा दाऊद पाकिस्तान के सबसे बड़े समूहों में से एक एंग्रो कॉर्पोरेशन के उपाध्यक्ष थे, जिनका उर्वरक, वाहन निर्माण, ऊर्जा और डिजिटल तकनीकों में निवेश था.

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