PM नरेंद्र मोदी ने वियतनाम के शीर्ष नेता से की यूक्रेन संकट पर बातचीत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फु ट्रोंग ने यूक्रेन में चल रहे संकट और दक्षिण चीन सागर की स्थिति सहित साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर टेलीफोन पर बातचीत की.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वियतनाम की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव गुयेन फु ट्रोंग ने यूक्रेन में चल रहे संकट और दक्षिण चीन सागर की स्थिति सहित साझा हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर टेलीफोन पर बातचीत की. विदेश मंत्रालय से मिली सूचना के मुताबिक दोनों नेताओं में यूक्रेन संकट को जल्द समाप्त करने के तरीकों पर बातचीत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुयेन फु ट्रोंग की बातचीत से चीन पर व्यापक असर पड़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
Prime Minister Narendra Modi and the General Secretary of the Communist Party of Vietnam, Nguyen Phu Trong, held telephone conversations on regional and global issues of shared interest, including the ongoing crisis in Ukraine and the situation in South China Sea: MEA
— ANI (@ANI) April 15, 2022
विगत दिनों पीएम मोदी ने वियतनाम के नए प्रधानमंत्री को जीत की और वहां की कम्युनिस्ट पार्टी को सालगिरह की बधाई दिया था. तब यह कहा जा रहा था कि भारतीय प्रधानमंत्री ने वियतनाम के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री को बधाई देकर एक तीर से कई निशाने साधने वाला काम किया है.
PM Modi discusses Ukraine, South China Sea with top Vietnamese leader
— ANI Digital (@ani_digital) April 15, 2022
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भारतीय प्रधानमंत्री ने अपने वियतनामी समकक्ष से वार्ता के दौरान एक खुले, समावेशी, शांतिपूर्ण और नियम-आधारित हिंद महासागर क्षेत्र को लेकर जो प्रतिबद्धता व्यक्त की, वह एक तरह से चीन को दिया जाना वाला यह संकेत है कि वह इस क्षेत्र की स्थिरता में बाधक बन रहा है. चीन को ऐसे साफ संकेत देने का सिलसिला तेज होना चाहिए, क्योंकि इसके आसार नहीं दिख रहे कि वह सीमा विवाद के मामले में अपने अड़ियल रवैये का आसानी से परित्याग करेगा.
यह भी पढ़ें : युद्ध के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की का बड़ा बयान- रूस से बातचीत की संभावना कम, ये है वजह
यह अच्छा है कि पिछले कुछ समय से चीन के प्रति भारतीय नेतृत्व के तेवर बदले हुए दिखाई दे रहे हैं. अभी हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा को उनके 86वें जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं और फिर इस बारे में ट्वीट कर जानकारी भी सार्वजनिक की. यह इसलिए उल्लेखनीय रहा कि अभी हाल तक भारत की ओर से ऐसे प्रसंगों को रेखांकित नहीं किया जाता था. यदि भारत इस नतीजे पर पहुंच रहा है कि चीन को सही रास्ते पर लाने के लिए उसकी दुखती रगों को दबाना होगा तो यह शुभ संकेत है.
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