इस देश में भारत विरोधी प्रदर्शनों पर सरकार सख्त, PM मोदी का पुतला जलाया तो होगी जेल
नेपाल में नई सरकार बनने के बाद सत्तारूढ गठबन्धन दल माओवादी और समाजवादी पार्टी के समरेथकों और कार्यकर्ताओं द्वारा भारत विरोधी प्रदर्शन किए जाने और भारतीय प्रधानमंत्री का पुतला जलाए जाने की घटना को नेपाल सरकार ने अत्यन्त ही गम्भीरता से लिया है
नई दिल्ली:
नेपाल में नई सरकार बनने के बाद सत्तारूढ गठबन्धन दल माओवादी और समाजवादी पार्टी के समरेथकों और कार्यकर्ताओं द्वारा भारत विरोधी प्रदर्शन ( anti-India demonstration ) किए जाने और भारतीय प्रधानमंत्री का पुतला जलाए जाने की घटना को नेपाल सरकार ने अत्यन्त ही गम्भीरता से लिया है. सरकार के तरफ से गृह मन्त्रालय ने 24 घंटे के भीतर लगातार दो बार वक्तव्य जारी करते हुए बिना वजह भारत विरोधी प्रदर्शन करने और प्रधानमंत्री मोदी का पुतला जलाए जाने पर सख्त ऐतराज जताते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है.
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अपने वक्तव्य में गृह मन्त्रालय के प्रवक्ता ने कहा है कि मित्रराष्ट्र के प्रधानमंत्री का पुतला दहन किए जाने की घटना पर खेद व्यक्त करते हुए इसको अत्यन्त ही गम्भीरता से लिया है. नेपाल अपनी भूमि पर किसी भी हालत में अपने मित्र राष्ट्र के विरोध में प्रयोग नहीं होने देने के लिए प्रतिबद्ध है. पडोसी देश के स्वाभिमान और सम्मान को आंच पहुंचे इस तरह की किसी भी हरकत को माफ नहीं किया जा सकता है. गृह मंत्रालय ने चेतावनी जारी करते हुए पड़ोसी देश के खिलाफ होने वाले नारा जुलुस प्रदर्शन और विरोध सभा नहीं करने की अपील करते हुए इस तरह की हरकत करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
नेपाल के गृह मंत्रालय ने कहा है कि सरकार की प्राथमिकता पडोसी देश के साथ संबंधों को सुधार करते हुए उसे और सुदृढ करना है. सरकार पडोसी देशों के साथ कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से सभी समस्याओं को सुलझाना चाहती है. दरअसल नेपाल सरकार ने पहली बार चीन के साथ सीमा विवाद रहने की बात स्वीकार करते हुए चीन के द्वारा अतिक्रमित नेपाली भूमि के बारे में जांच के लिए एक उच्च स्तरीय कमिटी का गठन किया है. सरकार के इस निर्णय के साथ ही नेपाल में सत्तारूढ माओवादी और एकीकृत समाजवादी पार्टी के छात्र संगठनों ने पुरानी बातें निकाल कर भारत विरोधी प्रदर्शन शुरू करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला जलाने का काम किया था.
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माना जा रहा है चीन ने अपने खिलाफ हुए देउवा सरकार के इस निर्णय के बाद लोगों का ध्यान भटकाने और सरकार पर दबाब देने के लिए फंडिंग कर भारत विरोधी प्रदर्शनों को हवा दे रही है. गृहमंत्रालय के विज्ञप्ति में इसलिए यह उल्लेख है कि नेपाल अपनी सरजमीं को पडोसी देशों के खिलाफ उपयोग होने नहीं देगा. सरकार के पास इस बात की पुख्ता जानकारी है काठमांडू स्थित चीनी दूतावास के अधिकारी नेपाल के राजनीतिक दल और कुछ बडे मीडिया घरानों को फंडिंग कर भारत विरोधी प्रदर्शन करवा रही है.
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