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लंदन हमले का हमलावर 'ब्रिटेन में ही पैदा हुआ था' पीएम थेरेसा मे ने दी जानकारी

ब्रिटेन की संसद के बाहर हुए हमले में पुलिस ने 7 लोगों को हिरासत में लिया है। बुधवार को ब्रिटेन में संसद के बाहर हुए हमले में 4 लोग मारे गए थे। जबकि करीब 40 लोग घायल हुए थे।

Updated on: 23 Mar 2017, 06:01 PM

नई दिल्ली:

ब्रिटेन की संसद पर हमला करने वाला हमलावर ब्रिटेन में ही पैदा हुआ था। इसके अलावा कुछ साल पहल भी इस शख़्स की हिंसक उग्रवाद के चलते जांच भी की गई थी। यह जानकारी ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने दी है।

ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे कहा है कि, 'लंदन में संसद पर हमला करने वाला हमलावर ब्रिटेन में ही पैदा हुआ था, और कुछ साल पहले हिंसक उग्रवाद की जांच भी की गई थी।'

इससे पहले ब्रिटेन की पुलिस ने संसद के बाहर हुए हमले में 7 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। बुधवार को ब्रिटेन में संसद के बाहर हुए हमले में 4 लोग मारे गए थे। जबकि करीब 40 लोग घायल हुए थे।

इस घटना में मारे गए 4 लोगों में एक पुलिसकर्मी और 2 आम नागरिक भी शामिल थे। पुलिस के अनुसार, हमले में घायल होने वाले सात लोग अब भी अस्पताल में हैं और उनकी हालत गंभीर है, जबकि 29 अन्य को उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है।

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कार्यवाहक उपायुक्त व आतंकवाद रोधी इकाई के प्रमुख मार्क रॉवले ने बताया कि हमले में जान गंवाने वाले नागरिकों में एक महिला और एक पुरुष हैं। महिला की उम्र 40-49 के बीच बताई जा रही है, जबकि पुरुष की उम्र 50-59 के बीच है।

इस हमले में जान गंवाने वाले पुलिस अधिकारी का नाम कीथ पामर (48) बताया गया है जिन्होंने 15 साल पुलिस सेवा में बिताए। ग़ौरतलब है कि बुधवार को हुआ यह हमला ब्रसेल्स हमले की पहली बरसी (22 मार्च) पर ही किया गया है।

घटना को एक ही हमलावर ने अंजाम दिया। हमलावर स्थानीय समयानुसार दोपहर करीब 2.30 बजे (भारतीय समयानुसार रात करीब आठ बजे) किया गया।

कार सवार हमलावर ने पहले टेम्स नदी पर बने वेस्टमिंस्टर ब्रिज पर पैदल चल रहे कई लोगों को कुचल दिया। इस क्रम में कुछ लोग नदी में जा गिरे। वह सुरक्षा घेरा तोड़ते हुए संसद की ओर बढ़ा। उसके हाथ में बड़ा चाकू था। पुलिस ने उसे रोका, जिस पर उसने निहत्थे पुलिसकर्मी कीथ को चाकू मार दिया। इसके बाद वहां तैनात अन्य सुरक्षाकर्मियों ने उसे मार गिराया।

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रॉवले ने बताया कि पूरी रात सैकड़ों खुफियाकर्मी काम रहते रहे। उन्होंने छह ठिकानों पर छापेमारी की। लंदन, बर्मिघम तथा देश के अन्य हिस्सों में भी जांच की गई। उन्होंने कहा, 'हमें अब भी यकीन है कि हमलावर अकेला था। वह अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद, इस्लामिक आतंकवाद से प्रेरित था।'

पुलिस ने फिलहाल हमलावर की पहचान का खुलासा नहीं किया है। लेकिन, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर '35-40 साल का एशियाई' व्यक्ति था। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने हमले को 'बीमार और विकृत मानसिकता' का परिचायक बताया। उन्होंने कहा, 'इस स्थान पर हमला किया जाना महज संयोग नहीं है।'

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उन्होंने कहा, 'हमारी संसद के मूल्यों को हराने की हर कोशिश नाकाम रहेगी और बुरी ताकतें हमें कभी हरा नहीं कर पाएंगी। हमारी संवेदनाएं व प्रार्थनाएं मृतकों व उनके परिजनों तथा पीड़ितों के साथ हैं।'

हमले के पीड़ितों के सम्मान में डॉउनिंग स्ट्रीट पर झंडों को आधा झुका दिया गया। लंदन में हुए ब्रिटेन संसद पर हमले की भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य देशों अमेरिका, फ्रांस और यूरोपिय संघ ने भी निंदा की है।

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री से बात की और हमले के बाद ब्रिटिश प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना भी की, वहीं फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने ब्रिटेन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा, 'हमें समझना होगा कि आतंकवाद हम सभी के लिए चिंता का कारण है। ब्रिटेन के लोग आज किस त्रासदी से गुजर रहे हैं, फ्रांस इसे अच्छी तरह समझता है, जो स्वयं कई बार आतंकवादी हमलों का शिकार बन चुका है।'

यूरोपीय संघ के अध्यक्ष डोनाल्ड टस्क ने कहा, 'मेरी संवेदनाएं पीड़ितों के साथ हैं। यूरोप आतंकवाद के खिलाफ ब्रिटेन के साथ खड़ा है और उसे हरसंभव मदद देने को तैयार है।'

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