काबुल की मस्जिद में धमाका, इस्लामिक गुरु समेत 20 लोग मारे गए
खैर खाना स्थित मस्जिद में हुए धमाके में 20 लोग मारे गए और 40 से ज्यादा घायल हुए हैं. धमाके के बाद तालिबान ने हताहतों की संख्या को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है.
highlights
- खैर खाना की मस्जिद में हुए धमाके में 40 अन्य घायल
- फिलहाल किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली जिम्मेदारी
- ब्लास्ट में इस्लामिक गुरु अमीर मोहम्मद भी मारे गए
काबुल:
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के उत्तर में स्थित एक मस्जिद में हुए धमाके में 20 लोग मारे गए, जबकि 40 से ज्यादा के घायल होने की खबर है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक खैर खाना में स्थित इस मस्जिद (Mosque Blast) में शाम की नमाज के दौरान धमाका हुआ. गौरतलब है कि काबुल (Kabul) के शिया (Shia) बाहुल्य इलाकों में इस्लामिक स्टेट (Islamic State) आम नागरिकों खासकर अल्पसंख्यकों और तालिबान पुलिस को अपने आतंकी हमलों का निशाना बना रहा है. इस्लामिक स्टेट का यह वहशी चेहरा तालिबान (Taliban) सरकार के इस दावे के बावजूद सामने आ रहा है, जिसमें वह लगातार कह रहा है कि तालिबान का अफगानिस्तान पर पूरा नियंत्रण है. जानकारी मिल रही है कि इस धमाके में इस्लामिक गुरु अमीर मोहम्मद काबुली की भी जान चली गई है.
दो हफ्ते पहले भी काबुल में हुए थे दो भीषण धमाके
कतर से प्रसारित होने वाले अल जजीरा चैनल ने अफनागिस्तान के सुरक्षा सूत्रों के हवाले से बताया कि खैर खाना स्थित मस्जिद में हुए धमाके में 20 लोग मारे गए और 40 से ज्यादा घायल हुए हैं. धमाके के बाद तालिबान ने हताहतों की संख्या को लेकर कोई बयान जारी नहीं किया है. इसके साथ ही समाचार लिखे जाने तक किसी भी आतंकी समूह ने मस्जिद में हुए धमाके की कोई जिम्मेदारी नहीं ली है. गौरलतब है कि दो हफ्ते पहले भी काबुल दो भीषण धमाकों से दहल उठा था, जिनमें 10 लोग मारे गए थे और 40 अन्य घायल हुए थे. दोनों ही धमाकों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली थी.
यह भी पढ़ेंः मारा गया जम्मू की जेल से लश्कर और अल बद्र का नेटवर्क चला रहा आतंकी
तालिबान मानवाधिकार संगठनों के निशाने पर है
काबुल लगातार धमाकों से दहल रहा है, खासकर जब तालिबान अपने शासन के एक साल पूरे कर चुका है. मानवाधिकारी संगठनों का दावा है कि तालिबान ने मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा को लेकर किए गए अपने वादों को इस दौरान कई बार तोड़ा है. बीते साल अगस्त में काबुल पर नियंत्रण के बाद तालिबान ने महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों पर कई प्रतिबंध लगाए थे. इसके साथ ही मीडिया और आलोचकों का उत्पीड़न कर विरोधियों को जबरन गिरफ्तार कर उन पर भयंकर जुल्म ढाए. इस्लामिक स्टेट सरीखे क्षेत्रीय आतंकी दल तालिबान शासन को मान्यता नहीं देते हुए अल्पसंख्यकों और तालिबान प्रशासन से जुड़े लोगों को अपने आतंकी हमलों का निशाना बना रहा है.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Vindu Dara Singh Birthday: मुस्लिम लड़की से शादी करके पछताए विंदू दारा सिंह, विवादों में रही पर्सनल लाइफ
-
Heeramandi: सपने में आकर डराते थे भंसाली, हीरामंडी के उस्ताद इंद्रेश मलिक ने क्यों कही ये बात
-
Sonali Bendre On South Cinema: बहुत मुश्किल है साउथ फिल्मों में काम करना, सोनाली बेंद्रे ने क्यों कही ये बात?
धर्म-कर्म
-
Shani Jayanti 2024: ये 4 राशियां हैं शनिदेव को बहुत प्रिय, शनि जयंती से इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन!
-
Aaj Ka Panchang 6 May 2024: क्या है 6 मई 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल
-
Love Rashifal 6 May 2024: इन राशियों का आज पार्टनर से हो सकता है झगड़ा, जानें अपनी राशि का हाल
-
Somwar Ke Upay: सोमवार के दिन करें ये चमत्कारी उपाय, शिव जी हो जाएंगे बेहद प्रसन्न!