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पाकिस्तान की नई सरकार में इस युवा चेहरे को मिल सकता है विदेश मंत्री का पद 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी पाकिस्तान के अगले विदेश मंत्री नियुक्त किए जा सकते हैं

Updated on: 10 Apr 2022, 03:53 PM

highlights

  • संयुक्त विपक्ष ने इमरान खान सरकार को ‘गलत’ विदेश नीतियों के लिए निशाना बनाया था
  • बिलावल ने पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी पर जमकर हमला बोला था. 

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान में इमरान खान को पीएम पद से हटा दिया गया है. संसद में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए विपक्ष ने वर्तामान सरकार को उखाड़ फेंका है. अब नई सरकार में पीएम के रूप में शहबाज शरीफ को चुना गया है. वहीं कई अहम पदों पर नामों की चर्चा जारी है. इस बीच विदेश मंत्री के रूप में एक खास नाम उभरकर सामने आ रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बिलावल भुट्टो जरदारी पाकिस्तान के अगले विदेश मंत्री हो सकते हैं. दरअसल विपक्ष ने इमरान सरकार को सबसे अधिक उसकी विदेश नीतियों को लेकर घेरा था. अब बारी विपक्ष की है. संयुक्त विपक्ष ने लगातार इमरान खान सरकार को उनके कार्यकाल के दौरान ‘गलत’ विदेश नीतियों के लिए  निशाना बनाया था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ‘पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो-जरदारी पाकिस्तान के अगले विदेश मंत्री नियुक्त किए जा सकते हैं.’ ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पढ़े 33 वर्षीय बिलावल  ने ‘द इंडिपेंडेंट उर्दू’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि पार्टी नए विदेश मंत्री के रूप में उनकी नियुक्ति पर फैसला करेगी. बिलावल भुट्टो पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बेटे हैं. वह पूर्व राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के नवासे हैं.

इमरान खान के नेतृत्व की आलोचना करते हुए बिलावल ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार ने विदेश मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) को विवादास्पद बना दिया था. नेशनल असेंबली में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान, बिलावल ने पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद  कुरैशी पर जमकर हमला बोला था. 

गौरतलब है कि इमरान खान की सरकार बीते शनिवार को गिर गई थी. पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में इमरान खान सरकार के विरोध में 174 मत पड़े. पाकिस्तान नेशनल असेंबली में 342 सीटें हैं और बहुमत का आंकड़ा 172 है. इस तरह तीन वर्ष, 7 माह पीएम रहने के बाद इमरान खान को   अपना पद छोड़ना पड़ा. अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए जाने वाले, वह पाक के पहले पीएम हैं.