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अफगानिस्तान : अशरफ गनी ने राष्ट्रपति के दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली

इसके पहले अफगानिस्तान में पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव के दोनों प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों ने सोमवार के समारेाहों में खुद को राष्ट्रपति घोषित करने की धमकी दी थी जिससे तालिबान के साथ वार्ता की योजना के खतरे में पड़ने की आशंका पैदा हो गयी है.

Updated on: 09 Mar 2020, 06:24 PM

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बार फिर से राष्ट्रपति पद की शपथ ली. सोमवार को अशरफ गनी को उनके दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ दिलाई गई. आपको बता दें कि उनके मुख्य प्रतिद्वंदी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने इस शपथ ग्रहण को मानने से इंकार कर दिया है. अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने अपने ही शपथ ग्रहण समारोह को प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रपति के रूप में रखा. वीडियो की कुछ फुटेज गनी को काबुल में राष्ट्रपति महल में एक समारोह में शपथ लेते हुए दिखाया गया, जिसमें कई अमेरिकी राजनयिक शामिल थे, जिनमें अमेरिका के विशेष दूत जालमेई खलीलजाद भी शामिल थे.

आपको बता दें कि इसके पहले अफगानिस्तान में पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव के दोनों प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों ने सोमवार के समारेाहों में खुद को राष्ट्रपति घोषित करने की धमकी दी थी जिससे तालिबान के साथ वार्ता की योजना के खतरे में पड़ने की आशंका पैदा हो गयी है. अमेरिका-तालिबान शांति समझौते पर करीब दो सप्ताह पहले हस्ताक्षर किए गए थे. इस संबंध में दोनों पक्षों के बीच बातचीत अगला महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा था. लेकिन पिछले साल के राष्ट्रपति चुनाव में शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच विवाद है कि वास्तव में जीत किसने हासिल की. इससे ऐसा प्रतीत होता है कि अफगान सरकार अपने को एकजुट पेश करने में असमर्थ रहा है.

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शपथ ग्रहण के दौरान हुए कई धमाके हिला गनी का मंच

सोमवार को जब अशरफ गनी राष्ट्रपति पद की शपथ ले रहे थे उस दौरान अफगानिस्तान में एकसाथ कई धमाके हुए. ये धमाके इतनी जोरदार थे कि शपथ ग्रहण के दौरान राष्ट्रपति अशरफ गनी का मंच भी हिल गया था. समाचार एजेंसी एएनआई ने इस शपथ ग्रहण का वीडियो भी जारी किया है जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के तौर पर अशरफ गनी दोबारा शपथ ले रहे थे तभी उसी दौरान उस इलाके में एक के बाद एक करके लगातार कई धमाके हुए इन धमाकों से शपथ ग्रहण समारोह का मंच भी हिल गया था. 

चुनाव आयोग ने गनी को घोषित किया था विजयी
जब अमेरिका और तालिबान ने समझौते पर हस्ताक्षर किए तो वादा किया गया था कि अफगान लोग अपने देश के भविष्य के लिए एक रोड मैप तैयार करने के लिए आपस में बातचीत करेंगे. अमेरिका का कहना है कि अफगानिस्तान से उसकी सेना की वापसी तालिबान के आतंकवाद विरोधी वादों से जुड़ा है न कि तालिबान और अफगान सरकार के बीच बातचीत की सफलता से. अफगानिस्तान के चुनाव आयोग ने सितंबर के चुनाव में राष्ट्रपति अशरफ गनी को विजेता घोषित किया था. देश की एकता सरकार में उनके पूर्व सहयोगी मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला और चुनाव शिकायत आयोग का कहना है कि चुनाव में धांधली हुयी है. इसके फलस्वरूप गनी और अब्दुल्ला दोनों ने खुद को विजेता घोषित कर दिया.

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फरवरी में ही हो गई थी अशरफ गनी के जीत की घोषणा
आपको बता दें कि पिछले साल सितंबर 2019 में हुए राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती फरवरी में पूरी हो चुकी थी. इस गिनती में चुनाव आयोग ने अशरफ गनी की जीत की घोषणा भी कर दी थी. लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने गठबंधन से चुनाव जीतने का हवाला देते हुए खुद ही राष्ट्रपति बनने का दावा पेश किया है. अशरफ गनी के प्रवक्ता सिदीक सिद्दीकी ने कहा था कि चुनाव आयोग के घोषित चुनाव परिणामों के अनुसार अशरफ गनी को ही जीत हासिल हुई है और अफगानिस्तान के संविधान के मुताबिक अशरफ गनी ही राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे.