logo-image

अमेरिका-ईरान के बीच तनाव: यूएस ने फारस की खाड़ी में उड़ने वाले विमानों को दी चेतावनी

अमेरिकी राजनयिकों के मुताबिक दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव के कारण फारस की खाड़ी में उड़ान भरने वाले विमानों को खतरा हो सकता है.

Updated on: 18 May 2019, 05:38 PM

highlights

  • अमेरिका ने जारी की चेतावनी
  • फारस की खाड़ी में उड़ान भरने वाले विमानों की चेतावनी जारी की
  • ईरान और अमेरिका में बढ़ा तनाव

नई दिल्ली:

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. अमेरिका ने फारस की खाड़ी में उड़ान भरने वाले विमानों की चेतावनी जारी की है. अमेरिकी राजनयिकों के मुताबिक दोनों देशों के बीच मौजूदा तनाव के कारण फारस की खाड़ी में उड़ान भरने वाले विमानों को खतरा हो सकता है. फारस की खाड़ी में पैदा तनाव के दौरान वहां से उड़ने वाले विमानों को दुश्मन का जहाज समझने की गलती भी हो सकती है. अमेरिकी फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने हवाई यात्रा के लिए मौजूदा तनाव के जोखिम की चेतावनी जारी की है.

इसके साथ ही अमेरिका ने दावा किया है कि उसके पास कई तस्वीरें हैं, जिसमें फारस की खाड़ी में ईरानी वाणिज्यिक जहाजों में मिसाइलों को ले जाते हुए देखा जा सकता है. मीडिया में आई खबर के मुताबिक, अमेरिकी सरकार ने सबूत नहीं दिए हैं कि जहाजों में छिपाकर मिसाइलों को ले जाया गया.

इसे भी पढ़ें:बिहार : अंतिम चरण में मोदी के 4 मंत्रियों, मुख्यमंत्री नीतीश की प्रतिष्ठा दांव पर

इधर, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की जल सीमा में चार तेल टैंकरों पर हुए हमले के बाद तेल के दाम बढ़ सकते हैं. यूएई ने सीधे इस हमले के लिए ईरान को दोषी ठहराया है. वहीं, यमन में ईरान-गठबंधन के विद्रोहियों ने सऊदी तेल पाइपलाइन पर ड्रोन हमले की जिम्मेदारी ली.

तनाव की क्या है वजह

गौरतलब है कि ओबामा प्रशासन के समय में ईरान के साथ पी5+1 देशों, जर्मनी और यूरोपीय संघ की न्यूक्लियर डील पर सहमति बनी थी लेकिन राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाली अमेरिका की नई सरकार इस डील से हट गई है. इसके बाद ईरान पर फिर से अमेरिका द्वारा कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं.

भारत-पाकिस्तान और चीन पर तेल आयात में पड़ रहा है असर

ईरान की अर्थव्यवस्था प्रतिबंधों की वजह से प्रभावित हुई है. इसका असर भारत, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के तेल आयात पर पड़ रहा है. उधर, बताया जा रहा है कि ट्रंप ईरान से बातचीत को तैयार हैं लेकिन ईरान ट्रंप के साथ सीधी बातचीत को तैयार नहीं है. दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने अपने विमानवाहक पोत और बमवर्षक विमान तैनात कर दिए हैं.