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ग्लोबल वार्मिग से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई आवश्यक : गुटेरेस

इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि वैश्विक तापमान तेजी से बढ़ रहा है और यदि इसे नहीं रोका गया तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

Updated on: 09 Oct 2018, 09:35 AM

संयुक्त राष्ट्र:

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने जलवायु परिवर्तन पर अंतरसरकारी समिति (आईपीसीसी) की रिपोर्ट जारी होने के बाद ग्लोबल वार्मिग पर तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया। इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि वैश्विक तापमान तेजी से बढ़ रहा है और यदि इसे नहीं रोका गया तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे.

आईपीसीसी की रिपोर्ट में कहा गया कि लोगों और प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्रों के स्पष्ट लाभ के साथ ग्लोबल वार्मिग को दो डिग्री की तुलना में 1.5 डिग्री तक सीमित करना होगा.

गुटेरेस ने कहा, "मैं सभी देशों से आग्रह करता हूं कि केटोवाइस जलवायु सम्मेलन को सफल बनाएं और जल्द से जल्द पेरिस समझौते के क्रियान्वयन के लिए कदम उठाएं.

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि 2030 तक पृथ्वी के औसत तापमान में पूर्व-औद्योगिक स्तरों से ऊपर 1.5 डिग्री सेल्सियस की औसत वृद्धि होगी, जिससे अत्यधिक सूखे, जंगलों में आग, बाढ़ और करोड़ों लोगों के लिए खाद्यान्न की कमी का खतरा बढ़ जाएगा. संयुक्त राष्ट्र के 'जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी पैनल' (आईपीसीसी) ने कहा कि वैश्विक स्तर पर जलवायु में हो रही उथल-पुथल से बचाव के लिए समाज और विश्व अर्थव्यवस्था को 'अभूतपूर्व स्तर' पर बहुत बड़े बदलाव से गुजरना होगा.

संयुक्त राष्ट्र ने रिपोर्ट में यह बात कही जिसमें आगाह किया गया है कि इस आपदा से निपटने के लिए बहुत ही जल्दी कदम उठाने होंगे. धरती की सतह का तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ गया है और यह बहुत जल्द तीन से चार डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. ऐसा होने पर धरती पर रहना लगभग असंभव हो जाएगा. सतह का तापमान एक डिग्री तक बढ़ना महासागरों में भयावह तूफान लाने से लेकर, बाढ़ एवं सूखे जैसी आपदाओं के लिए काफी है.

ये आंकड़े ग्रीन हाउस गैसों के वर्तमान उत्सर्जन स्तर के आधार पर तैयार किए गए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, गृह के दो-तिहाई हिस्से का तापमान एक डिग्री सेल्सियस बढ़ने से वह हिस्सा पहले ही उस ओर बढ़ चला है. इसे और अधिक गर्म होने से बचाने के लिए हमें आगामी कुछ सालों में ही महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे.