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यूपी विधानसभा चुनाव 2017: कैराना में 'हिंदू पलायन' चुनावी मुद्दा नहीं

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना में तथाकथित 'हिंदू पलायन' चुनावी संग्राम में कोई मुद्दा नहीं है। बीते साल जून में बीजेपी के सांसद ने दावा किया था कि सांप्रदायिक तनावों के कारण 346 हिंदू परिवार इलाके से पलायन कर गए हैं।

Updated on: 31 Jan 2017, 09:33 AM

नई दिल्ली:

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना में तथाकथित 'हिंदू पलायन' चुनावी संग्राम में कोई मुद्दा नहीं है। इलाके में फैली व्यापक बेरोजगारी इस विधानसभा क्षेत्र में एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरी है। बीते साल जून में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद हुकुम सिंह ने दावा किया था कि सांप्रदायिक तनावों के कारण 346 हिंदू परिवार इलाके से पलायन कर गए हैं।

लेकिन, शामली जिले के इस विधानसभा क्षेत्र के कई मतदाता इस आरोप को खारिज कर रहे हैं।

संजीव मलिक (33) एक स्कूल शिक्षक हैं। उन्होंने कहा, 'गांवों और कस्बों से शहरों की ओर पलायन एक राष्ट्रीय चिंता का विषय है। लेकिन, अगर कोई कहे कि कैराना से केवल हिदुओं ने पलायन किया है तो मैं इसे नहीं मान सकता। मैं ऐसे मुस्लिम परिवारों को जानता हूं जो 2013 के दंगे के बाद मुजफ्फरनगर से पलायन कर कैराना आए हैं।'

संजीव ने कहा, 'संभव है कि एक या दो परिवारों ने यहां से पलायन किया हो। लेकिन, इसकी वजह एक समुदाय विशेष के आपराधिक तत्वों की धमकी और धन उगाही नहीं है, जैसाकि हुकुम सिंह साबित करना चाह रहे हैं।'

लेकिन, गुर्जर समाज से संबंध रखने वाले निर्मल सिंह, संजीव से असहमत दिखे।

निर्मल ने कहा, 'यहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं और वे (मुस्लिम) इसका लाभ उठाते हैं। हिदू परिवार आपराधिक तत्वों के कारण यहां खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं और सुरक्षित स्थानों पर जा रहे हैं।'

भाजपा ने हुकुम सिंह की बेटी मृगांका सिंह को इस सीट से प्रत्याशी बनाया है। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रत्याशी नाहिद हसन हैं। नाहिद पूर्व सांसद मुनव्वर हसन के बेटे हैं जिनकी एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। कैराना में 11 फरवरी को मतदान होना है।

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हुकुम सिंह कैराना से सात बार विधायक रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह सांसद चुने गए। इसके बाद हुए उपचुनाव में नाहिद हसन ने हुकुम सिंह के रिश्तेदार अनिल चौहान को हराया था।

बीजेपी से मृगांका को टिकट मिलने के बाद अनिल चौहान राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। उनकी दावेदारी ने कैराना की चुनावी लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है।

कॉलेज छात्र मोहम्मद रशीद (22) ने कहा, 'पलायन कोई चुनावी मुद्दा नहीं है। राजनीतिक दलों ने चुनावी लाभ के लिए इस मुद्दे को उठाया है लेकिन उन्हें इससे लाभ मिलने वाला नहीं है। दुर्भाग्य की बात है कि कोई भी बेरोजगारी, शिक्षा व स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर बात नहीं कर रहा है।'

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लेकिन, भाजपा सांसद हुकुम सिह ने कहा कि कानून एवं व्यवस्था की स्थिति एक चुनावी मुद्दा है और पलायन का मुद्दा इससे जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, 'लोगों की सुरक्षा एक मुद्दा है और मैं उनके साथ हूं।' सिंह ने कहा कि मुसलमानों का एक हिस्सा भी उनकी बेटी को वोट देगा।

उन्होंने कहा, 'वे रोजगार चाहते हैं। रोजगार न होने ने युवाओं को नशे का आदी बना दिया है। मैं उनके लिए लड़ रहा हूं। उन्हें मुझ में उम्मीद दिखाई देती है।' मृगांका सिंह ने कहा, 'मैं कैराना की बेटी हूं। काफी काम करने हैं क्योंकि समय के साथ लोगों की आकांक्षाएं बढ़ गई हैं।'

कैराना में राजनीति हसन परिवार और सिंह परिवार के इर्दगिर्द घूमती रही है। तीन दशक से इन्हीं दोनों परिवारों का इलाके की राजनीति में दबदबा रहा है। इन दोनों परिवारों की राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से इलाके में हर कोई वाकिफ है।