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मेट्रो कर सकता है जुर्माना की सीमा में बढ़ोतरी, देने पड़ सकते हैं 50 हजार रुपये!

केंद्र मेट्रो ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस एक्ट में संसोधन कर संचालन में बाधा डालने वालों पर दस गुना ज्यादा जुर्माना लगाने का विचार कर रही है।

Updated on: 15 Jan 2017, 12:38 PM

नई दिल्ली:

केंद्र सरकार मेट्रो ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस एक्ट में संसोधन कर संचालन में बाधा डालने वालों पर दस गुना ज्यादा जुर्माना लगाने का विचार कर रही है। सरकार ने मेट्रो रेल बिल का मसौदा तैयार कर लिया है, जिसमें 50 हजार रुपये तक के अधिकतम जुर्माने का प्रावधान है। अभी तक अधिकतम जुर्माना 5 हजार रुपये है।

शहरी विकास मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक मेट्रो रेल बिल के मसौदे पर सभी मंत्रालयों की राय मांगी गई है। राय आने के बाद इस बिल को कैबिनेट में पेश किया जाएगा। इस बिल में नियम तोड़ने पर लगने वाले जुर्माने की राशि में बढ़ोतरी की गई है। अधिकारियों का कहना है कि पहला कानून 2002 में बनाया गया था और अब उसे बने हुए 15 साल होने जा रहे हैं।

मसौदे में मेट्रो के संचालन में बाधा डालने वालों को 4 साल की जेल और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई जा सकती है। मसौदे में प्रस्तावित अन्य जु्र्माने के अनुसार शराब के नशे में हंगामा करने पर  200 रुपये का जुर्माना है, जो बढ़कर अब 5000 रुपये किया जा सकता है। वहीं वर्जित सामान ले जाने के लिए भी केवल 200 रुपये का जुर्माना है, उसे भी बढ़ाकर 10 हजार रुपये करने का प्रस्ताव है। खतरनाक सामान ले जाने पर भी अभी केवल 3 हजार रुपये का जुर्माना लगता है जिसकी जगह 4 साल तक की सजा या 5000 रुपये देने पड़ सकते है।

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इसके अलावा मेट्रो में नारेबाजी और बाहर निकलना 500 रुपये के जुर्माने को बढ़ाकर 6 महीने तक की सजा या 15 हजार रुपये देने का प्रस्ताव है। अभी तक बिना टिकट सफर करने वालों को  टिकट शुल्क के साथ सिर्फ 50 रुपये का जुर्माना देना पड़ता है लेकिन इस प्रस्ताव में ऐसे लोगों को टिकट शुल्क के साथ अधिकतम किराए का पांच गुना देना पड़ेगा।

मंत्रालय चाहता है कि जुर्माने की राशि इतनी हो कि अगर नियम तोड़ने वाला उसे दे तो कम से कम उसे महसूस जरूर हो ताकि वह भविष्य में दोबारा नियम न तोड़े। यह एक्ट पूरे देश पर लागू होगा।